Udaipur News: देश में हर कोई जानता है कि कितने साल से कोर्ट के मामले लंबित रहते हैं. इस वजह से दोनों पक्ष और विपक्ष मामले के निस्तारण के लिए सालों तक कोर्ट का चक्कर लगाते रहते हैं. ऐसे में कोर्ट में मुकदमों का बोझ कम करने और पक्षकारों को राहत देने के लिए राजस्थान सरकार के गृह विभाग ने कोर्ट से मुकदमे वापस लेने का करने का सर्कुलर जारी किया है. हालांकि सर्कुलर में कुछ शर्तें भी रखी गई हैं. शर्तों के आधार पर मामलों का निपटारा किया जाएगा. इनमें ऐसे मामले शामिल हैं जिनमें एक साल तक की सजा का प्रावधान है. उदाहरण के लिए, एक अपराधी को 10 लीटर अवैध शराब का परिवहन करते हुए पाया गया. उसे संबंधित एजेंसी ने पकड़ा. उसके खिलाफ मामला दर्ज कर 30 जून 2022 तक चालान कोर्ट में पेश किया. ऐसे मामले को नियम व शर्तों पर विदड्रॉ किया जाएगा.
इन मामलों के दर्ज मुकदमें होंगे विदड्रॉ
- राजस्थान सार्वजनिक जुआ अध्यादेश, 1949 की धारा 13 में दर्ज किए गए मुकदमे.
- राजस्थान ध्वनि नियंत्रण अधिनियम, 1963 की धारा 6 में दर्ज किए गए मुकदमे.
- राजस्थान धूम्रपान निषेध और धूम्रपान न करने वालों का स्वास्थ्य संरक्षण अधिनियम, 1999 की धारा 5.6. 7,8,9 एवं 10 में दर्ज किए गए मुकदमे.
- सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पादन (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम, 2003 की धारा 4 /21 एवं धारा 6/24 में दर्ज किए गए मुकदमे.
यह होगी मुकदमे विदड्रॉ करने की शर्तें
- प्रकरण में प्रसंज्ञान की स्टेज पर सीआरपीसी की धारा 190 का प्रार्थना-पत्र लम्बित नहीं होना चाहिए
- प्रकरण अभियुक्त की मफरूरी / तलबी में नियत न हो.
- प्रकरण में अपीलीय / रिवीजन न्यायालय द्वारा किसी प्रकार का कोई स्थगन आदेश पारित न किया गया हो.
- प्रकरण का क्रॉस केस इस आदेश के तहत प्रत्याहरित किये जाने योग्य हो.
- प्रकरण में धारा 319 सीआरपीसी का आवेदन लम्बित न हो.
- प्रकरण को प्रत्याहरित किये जाने में किसी अन्य प्रकार की कोई विधिक बाधा ( कानूनी अड़चन ) न हो.
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