![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Padma Award 2022: पैरा ओलंपिक पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण सम्मान, जानें हारकर जीतने वाले इस खिलाड़ी की कहानी
भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया को खेल कैटेगरी में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. राजस्थान के पैरा ओलंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया ने 2004 में पहला स्वर्ण पदक जीता था.
![Padma Award 2022: पैरा ओलंपिक पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण सम्मान, जानें हारकर जीतने वाले इस खिलाड़ी की कहानी Padma Award 2022: rajasthan paralympian devendra jhajharia to get padma bhushan know his story of wining medal in paralympic ANN Padma Award 2022: पैरा ओलंपिक पदक विजेता देवेंद्र झाझरिया को पद्म भूषण सम्मान, जानें हारकर जीतने वाले इस खिलाड़ी की कहानी](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/01/26/c820c56305faa22f7ac6efe853936104_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Padma Award: गणतंत्र दिवस 2022 की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा करते हुए नामों की लिस्ट जारी की दी है. इसमें भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया का नाम भी शामिल है, जिन्हें खेल कैटेगरी में पद्म भूषण सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. यह देश का एक बड़ा सम्मान है. पैरा ओलंपिक खिलाड़ी देवेंद्र झाझरिया ने 2004 में पहला स्वर्ण पदक जीता था.
बचपन में हाथ काटने की आई गई थी नौबत
10 जून 1981 को देवेंद्र झाझरिया का जन्म हुआ राजस्थान के चुरू में रामसिंह झांझरिया व जानवी देवी के घर पर हुआ. जब वे 8 वर्ष थे तब पेड़ पर चढ़ने के दौरान उन्होंने बिजली के तार को छू लिया था, जिसके इलाज के दौरान उनका हाथ कट गया था.
कैसे हुई देवेंद्र के ओलंपिक स्वप्न की शुरुआत
एक दिन स्कूल में उनके प्रतिभा की पहचान कोच आरडी शर्मा ने की, जिसके बाद अपनी प्रतिभा व जूनून से देवेंद्र के ओलंपिक के सपनों की शुरुआत हुई. इसी सपने को हकीकत में बदलने की चाह में देवेंद्र ने 2002 के बुसान (दक्षिण कोरिया) एशियाड में स्वर्ण पदक जीता और फिर वर्ष 2003 के ब्रिटिश ओपन खेलों में जैवलिन थ्रो, शॉट पुट और ट्रिपल जम्प तीनों स्पर्धाओं में सोने के पदक अपनी झोली में डाले. देश के खेल इतिहास में देवेंद्र का नाम उस दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा गया जब उन्होंने 2004 के एथेंस ग्रीस पैरा ओलंपिक में भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता. देवेंद्र यही नहीं रुके, क्योंकि उनका सपना बहुत बड़ा था. इसके बाद देवेंद्र ने 2006 में मलेशिया के कुआलालमपुर में आयोजित फेसपिक गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता. फिर वर्ष 2007 के वर्ल्ड गेम्स में रजत पदक व 2009 के वर्ल्ड गेम्स में स्वर्ण पदक जीता. देवेंद्र झाझड़िया ने दुबई में संपन्न छठी फैजा इंटरनेशनल चैंपियनशिप की भाला जैवेलिन थ्रो स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता.
2012 में टूट गया था देवेंद्र का मन
कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ऑनलाइन बातचीत में देवेंद्र झाझड़िया ने कहा था कि जब मेरी स्पर्धा भालाफेंक को पैरालंपिक 2008 में शामिल नहीं किया गया था, उस वक्त मैंने सोचा था कि ठीक है यह 2012 में शामिल हो जायेगा. लेकिन जब 2012 में यह फिर शामिल नहीं हुआ तो मैंने सोचा कि मैं खेल छोड़ दूं. तब मेरी पत्नी मंजू ने कहा कि मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए और मैं 2016 तक खेल सकता हूं. इसलिए मैंने अपनी योजना बदल दी. 2013 में मुझे पता चला कि भालाफेंक स्पर्धा को रियो पैरालंपिक में शामिल किया गया है, फिर मैंने गांधीनगर के भारतीय खेल प्राधिकरण केन्द्र में अभ्यास शुरू किया और 2016 रियो में अपना दूसरा स्वर्ण पदक जीता था.
यह भी पढ़ें:
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रविभूषण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/a828ffd031954f7d53fd227757b8049c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)