Pakistani Hindus Reached Rajasthan: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान (Pakistan) में बारिश (Rain) और बाढ़ (Flood) ने ऐसा कहर ढाया है कि वहां पर खाने के भी लाले पड़ गए है. महंगाई आसमान छू रही है. इस बीच भी धार्मिक उत्पीड़न का खतरा बना हुआ है. इन सब परेशानियों से जूझते हिंदू (Hindu) पाक विस्थापित धार्मिक वीजा के जरिए भारत के हरिद्वार पहुंचे, जहां से उन्हें पाकिस्तान लौटना था, लेकिन सभी वहां से कालका एक्सप्रेस (Kalka Express) में सवार होकर जोधपुर रेलवे स्टेशन (Jodhpur Railway Station) पहुंच गए हैं.
सूचना मिलते ही रेलवे पुलिस और खुफिया एजेंसियां स्टेशन पहुंची, तब तक सभी पाक विस्थापित वहां से निकलकर अपने रिश्तेदार के यहां पहुंच गए. सुरक्षा एजेंसियों ने मौके पर पहुंचकर इन परिवारों से पूछताछ की है.
पाकिस्तान में रहने वाले हिंदुओं के साथ होने वाले धार्मिक उत्पीड़न से परेशान होकर अपने घर, मकान, व्यापार को छोड़कर अपनी इज्जत और परिवार के सदस्यों की जान बचाने के लिए धार्मिक वीजा पर भारत पहुंचते हैं. इसके साथ ही यहीं रहने लग जाते है. ऐसे कई हिंदू पाक विस्थापित भारत में नागरिकता ले चुके हैं. कई हिन्दू पाक विस्थापित वापस भी जा चुके हैं.
सीआईडी और इंटेलिजेंस खुफिया एजेंसियों के लिए मुसीबत बना 50 लोगों के जत्थे का धार्मिक वीजा 25 दिनों का है. वहीं इस वीजा में जोधपुर शामिल नहीं है. इस जत्थे के 50 लोग गौर कानूनी तरीके से पहुंचे हैं. ऐसे में खुफिया एजेंसियां इस जत्थे में आए सभी लोगों से पूछताछ कर रही हैं.
'अब हम भारत में ही रहेंगे'
जोधपुर के गंगाणा स्थित पाक विस्थापितों की बस्ती अल्कोसर पहुंचे 50 लोगों के जत्थे में सभी धर्मिक वीजा से भारत आये थे. जोधपुर बिना वीजा पहुंचने की सूचना मिलते ही खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गई है. सभी पाक विस्थापितों को ट्रेस किया गया है. उनसे पूछताछ की जा रही है. इस बस्ती में रहने वाले अपने रिश्तेदार के यहां पर रह रहे हैं. हिंदू पाक विस्थापित 80 साल की बुजुर्ग धाइ अपने 5 बेटों के परिवार के साथ भारत धार्मिक वीजा पर हरिद्वार पहुंची थी.
अब वापस पाकितान लौटना नहीं चाहती है. पिछले दिनों पाकिस्तान में भारी बारिश होने से कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालात बन गए, जहां राहते थे, वे कच्चे मकान टूट गए और मजदूरी भी नहीं मिल रही थी. धाइ ने कहा, "मेरा जन्म यहीं हुआ है. अब हम और हमारा परिवार भारत में ही रहेंगे. हम वापस पाकिस्तान नही जाएंगे.
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मच्छर से भी परेशान हैं लोग
वहीं 40 साल के चतरा राम भील अपनी पत्नी और 8 बच्चों के साथ इस जत्थे में धार्मिक वीजा पर भारत आए और वापस नहीं जाना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि वहां पर अब न तो रहने के लिए कुछ है और न ही खाने के लिए, मजदूरी भी नहीं मिल रही है. वहां रहकर भूखे मरने से अच्छा है, यहां पर अपने रिश्तेदारों के साथ रहकर मजदूरी करेंगे. वहां पर बारिश होने के बाद हर जगह पानी ही पानी हो गया और मच्छर भी बहुत हो चुके हैं. सरकार की और से किसी भी तरह की मदद नहीं मिली है. पाकिस्तान से इस जत्थे में विष्णु भाट अपनी पत्नी और 4 बच्चों के साथ भारत आए हैं.
भूखे मरने के बने हुए थे हालात
विष्णु ने बताया कि भारी बारिश के बाद हमारा मकान भी गिर गया है. सरकार की ओर से खाने के लिए चावल दिए जा रहे थे. महंगाई भी बहुत है. आटा 70 रुपये किलो, शक्कर 80 रुपये किलो, खाने का तेल 250 रुपये किलो मिल रहा है. मजदूरी भी नहीं मिल रही है और अब हम यहां आ गए है. यहां की मोदी सरकार हमें रखेगी.
सवाई भील अपनी पत्नी और 4 बच्चों के साथ 25 दिन के धार्मिक वीजा पर हरिद्वार आए और जहां से निकल कर जोधपुर आ गए. अब पाकिस्तान जाना नहीं चाहते हैं, क्योंकि वहां पर बिना मजदूरी के भूखे मरने के हालात बने हुए थे. पाकिस्तान जाने से अच्छा है कि हम भारत मे ही रहेंगे. सवाई ने बताया कि भारी बारिश ने हमारा सब कुछ छीन लिया परिवार का भूख के कारण दुःख देखा नहीं जा रहा था. हम लोग यहां आ गए हैं. यहीं मरेंगे वापस नही जाएंगे.