Kota News: कोटा संभाग में भगवान भोलेनाथ के एक से बढकर एक मंदिर हैं, जिनका अपना ही इतिहास है. सावन के हर सोमवार को हमने आपको कई ऐतिहासिक मंदिरों की अनूठी विरासत से अवगत कराया. आज हम जिस मंदिर की बात कर रहे हैं वह है इटावा उपखण्ड क्षेत्र के लक्ष्मीपुरा पंचायत क्षेत्र में बाणगंगा नदी किनारे स्थित हांडीपाली पालेश्वर महादेव मंदिर. यह मंदिर भी अपने आप में इतिहास समाए हुए है. यहां का इतिहास लोगों को विचलित कर देता है और आस्था भी अपार है.
36 कलात्मक खंभों पर खड़ा है पालेश्वर महादेव मंदिर
यह मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र है. सावन के पवित्र महीने में यहां हजारों श्रद्धालु भगवान शिव की आराधना के लिए आते हैं. पालेश्वर महादेव मंदिर 36 कलात्मक खंभों पर खड़ा है. ये खंभे शिल्प कला के बेजोड़ नमूने को दर्शाते हैं. मंदिर के शिखर पर और खंभों पर महिषासुर मर्दिनी, कार्तिकेय, मयूर, नटराज की विभिन्न भाव भंगिमाओं का चित्रण करती हुई मूर्तियों को कुशलता के साथ उकेरा गया है. ये यहां आने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती हैं. यहां लगी हुई मूर्तियां कोणार्क और खजुराहों से मेल खाती हैं.
अज्ञातवास में यहां समय बिताया था पांडवों ने
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार बताया जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने जब अज्ञातवास बिताया था, उस समय पांडव यहां आए थे और एक ही रात में शिव मंदिर का निर्माण किया था. इसके बाद से ही इस शिव मंदिर को हांडीपाली के पालेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाने लगा. पालेश्वर महादेव मंदिर पुरातत्व विभाग के अधीन है. लेकिन पुरातत्व विभाग का मंदिर की सार संभाल व सुरक्षा को लेकर कोई ध्यान नहीं है. यहां लगी बेशकीमती मूर्तियां कई साल से चोरी होती आई हैं. देखरेख के अभाव में मंदिर अपना वैभव खोता जा रहा है. देखरेख नहीं होने से मंदिर के शिखर व खंभों पर लगी मूर्तियां खंडित हो गई हैं और अधिकांश कलात्मक मूर्तियों को चोर चुरा कर ले गए हैं.
शिवरात्रि पर लगता है मेला
स्थानीय निवासी और मंदिर की देखरेख करने वाले बताते हैं कि हांड़ीपाली महादेव मंदिर क्षेत्र के लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है.यहां शिवरात्रि पर्व पर मेले का आयोजन किया जाता है. इसमें राजस्थान, मध्य प्रदेश के लाखों श्रद्धालु पहुंचकर भगवान शिव की आराधना करते हैं और आशीर्वाद लेते हैं. मंदिर के सामने से बहती बाणगंगा कि कल कल जलधारा में स्नान करते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं.
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