Pandit Pradeep Mishra Katha In Kota: पंडित प्रदीप मिश्रा (Pandit Pradeep Mishra) ने व्यासपीठ से संघर्षों से हार मान लेने वाले लोगों को बड़ा संदेश दिया है. साथ ही, सनातन का विरोध करने वालों पर भी तीखी टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन को बचाने वालों के साथ हमें खड़ा होना होगा. जो राम का नहीं है, वह किसी काम का नहीं है. उन्होंने कहा कि राम और कृष्ण के जीवन में बहुत दुख आए, लेकिन उन्हें झेलकर ही वे राम और कृष्ण बन पाए. कोटा में शुक्रवार को अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की पितृदेव शिव महापुराण कथा की पूणार्हुति की गई.
विधायक संदीप शर्मा के सानिध्य में आयोजित पितृदेव शिव महापुराण कथा के दौरान प्रवचन करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि व्यासपीठ राजनीति की कुर्सी नहीं है, इसलिए अधिक नहीं कह सकते, लेकिन इतना कह सकते हैं कि जो राम का है, वही हमारा है. जो भगवान का है वही हमारा है. "पंडित मिश्रा ने कहा कि मंदिरों, शिवालयों को तोड़कर उनको अन्य रूप में ढाला गया. अपनी सत्ता स्थापित करने के प्रयास किए गए. तब भी जगतगुरु शंकराचार्य ने चार धाम बनाकर शिवतत्व को स्थापित किया था."
सनातन धर्म की रक्षा हमारा प्रण- पंडित प्रदीप मिश्रा
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि तोड़े गए शिवालय, मंदिर आज कलिकाल में पुनर्स्थापित हो रहे हैं. कलिकाल में फिर से धर्म ध्वजा फहराई जा रही है. विश्व का कल्याण तभी होगा जब हम सनातन को बचाने वालों का साथ देंगे. तुम सनातन बचाने वालों के साथ खड़े रहो. सनातन बचेगा तो हम मंदिर और शिवालय जा पाएंगे. सनातन धर्म की रक्षा हमारा प्रण है. उन्होंने व्यासपीठ से कोचिंग स्टूडेंट्स को भी संदेश दिया. उन्होंने कहा कि कोचिंग करने के लिए कोटा आए विद्यार्थी कभी सोचते हैं कि टेस्ट अच्छा नहीं हुआ तो जिंदगी बेकार हो गई. माता-पिता पूंजी लगाकर उन्हें यहां भेजते हैं, लेकिन पूंजी से मतलब नहीं, जिंदगी से मतलब है.
कोचिंग स्टूडेंट को क्या कहा
उन्होंने कहा "एक छोटी सी परीक्षा जरूरी नहीं है. महादेव संघर्ष में आगे बढ़ना सिखाते हैं. कभी भावुक हो जाओ तो शिव को हृदय में रखकर विचार करना. पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा घोड़े की रेस में घोड़े को नहीं पता होता कि वह किसी एग्जाम में बैठा है, उसे केवल दौड़ना होता है. घोड़े का मालिक उसे चाबुक मारता है. मालिक उसे कष्ट देता है, इसलिए वह और तेजी से दौड़ता जाता है. वह दौड़ते हुए अंत में सबसे आगे निकल जाता है. पृथ्वी पर जन्म लेने पर तुम पर कष्ट आए तो समझना ईश्वर तुम्हें आगे ले जाना चाहता है."
ओम बिरला ने क्या कहा
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और विधायक संदीप शर्मा के सानिध्य में यह कथा संपन्न हुई है. उन्होंने कहा कई लोग रात को ही कथा पंडाल में रुक गए थे. उन्होंने बताया कि कोटा के आसपास गांव में एलईडी लगाकर, टेंट लगाकर लोग कथा सुन रहे थे. वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संतों का सत्संग, संतों की अमृतवाणी, संतों का ज्ञान हमें सदमार्ग दिखाता है.
उन्होंने कहा कि संत की वाणी को जीवन में आत्मसात करने से सारे मार्ग खुल जाते हैं. आज आध्यात्मिक नगरी कोटा में हर घर में बम बम भोले के स्वर सुनाई दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां शिव परिवार की ओर से जल्दी ही शिवधाम की स्थापना की जाएगी.