Parvati-Kalisindh-Chambal Link Project News: मध्य प्रदेश सरकार, राजस्थान सरकार और केंद्र सरकार के बीच रविवार (28 जनवरी) को श्रमशक्ति भवन स्थित जल शक्ति मंत्रालय के कार्यालय में संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी लिंक परियोजना के त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर साइन हुए. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat), मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव (Mohan Yadav) और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) की उपस्थिति में समझौते पर साइन किए गए.
सीएम मोहन यादव ने क्या कहा?
समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित होने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 2003 में मध्य प्रदेश और राजस्थान की नदियों को लेकर एक योजना बनी थी, लेकिन केंद्र की कांग्रेस सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. अब पीएम मोदी के नेतृत्व में मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के प्रयासों से लगभग दो दशकों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना अब मूर्त रूप ले सकेगी.
सीएम मोहन यादव ने आगे कहा कि इस परियोजना से मध्यप्रदेश के चंबल और मालवा अंचल के 13 जिलों को लाभ पहुंचेगा. प्रदेश के ड्राई बेल्ट वाले जिलों जैसे मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, भिंड और श्योपुर में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और औद्योगिक बेल्ट वाले जिलों जैसे इंदौर, उज्जैन, धार, आगर-मालवा, शाजापुर, देवास और राजगढ़ के औद्योगीकरण को और बढ़ावा मिलेगा.
सीएम भजनलाल शर्मा ने क्या कहा?
वहीं एमओयू पर साइन के बाद राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि यह राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक परियोजना है. इसमें राजस्थान के अलावा 13 जिले शामिल हैं. इससे पर्यटन और औद्योगिक क्षेत्रों को भी फायदा होगा. पीएम मोदी के नेतृत्व में ऐसे ही समय पर बड़े काम हुए हैं और आगे भी होते रहेंगे.
26 जिलों को मिलेगा फायदा
इस मौके पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि अब मध्य प्रदेश और राजस्थान के पानी की कमी वाले 26 जिलों के लिए स्वर्णिम सूर्योदय का दिन है. इस परियोजना से लगभग 5.60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही बांधों और बड़े तालाबों में पानी का संचय कर जल-स्तर उठाने में सफलता मिलेगी.