Kota News: राजस्थान के कोटा में अस्पताल में बिजली चले जाने के बाद हुई एक मरीज की मौत पर अस्पताल प्रशासन सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. यहां एक बार फिर बिजली गुल हो जाने से नर्सिंग स्टाफ मोबाइल टॉर्च की रोशनी में मरीजों को ड्रेसिंग करते हुए दिखाई दिए. बिजली गुल हो जाने से मरीज व स्टाफ कर्मी गर्मी की वजह से परेशान होते दिखे. आधे घंटे बाद शॉर्ट सर्किट सही किया गया तब जाकर बिजली वापस आई और राहत की सांस ली.
बताया जा रहा है कि कोटा एमबीएस अस्पताल में लोड ज्यादा होने से कमरा नंबर 106 लघु शल्य चिकित्सा इकाई एमसीबी वार्ड में शॉर्ट सर्किट हो गया था. जिससे केबल जल गई और आधे घंटे तक नर्सिंग स्टाफ मरीजों को टॉर्च की रोशनी में इलाज करते हुए नजर आया. बिजली गुल होने की घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया और प्रशासन मौके पर पहुंचा और मामले की जानकारी ली.
अधिकारियों की बैठक ले रहे थे चिकित्सा मंत्री
राजस्थान के चिकित्सा मंत्री व कोटा जिले के प्रभारी मंत्री परसादी लाल मीणा कोटा जिला कलेक्ट्रेट में अधिकारियों की मीटिंग ले रहे थे. इसी बीच एमबीएस अस्पताल के एमओटी वार्ड में बिजली गुल होने की सूचना मिलने के बाद प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मच गया. मौके पर अस्पताल अधीक्षक नवीन सक्सेना बैठक छोड़कर तुरंत अस्पताल पहुंचे और हालातों का जायजा लिया. मौके पर बिजली कर्मचारियों को बुलाकर फाल्ट को ठीक कराया गया और बिजली सुचारू की गई. अस्पताल अधीक्षक नवीन सक्सेना ने बताया कि गर्मी में लोड अधिक आने से केबल में फाल्ट आ गया था. केवल शॉर्ट सर्किट के साथ जल गई. हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई है. हमारी कोशिश यह है कि हम जल्द ही पूरे अस्पताल की विद्युत केबल को दिखा रहे हैं. जहां लोड़े लेने की क्षमता नहीं है वहां हाई लेवल केवल बिछाई जा रही है ताकि ऐसी घटनाएं बार-बार नहीं हो. जल्दी लोड शिफ्टिंग का भी काम करवाएंगे.
24 अप्रैल को भी बिजली 3 घंटे रही थी गुल
कोटा के अस्पताल में लगातार केबल फॉल्ट होने से बिजली जाने की घटना नई नहीं है इससे पहले भी 24 अप्रैल को न्यू मेडिकल कॉलेज में केवल फाल्ट होने से इमरजेंसी वार्ड में 3 घंटे तक बिजली गुल रही थी. उस दौरान एक महिला मरीज की मौत हुई थी और परिजनों ने हॉस्पिटल प्रशासन के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगाए थे. मामले को लेकर बवाल भी हुआ. मेडिकल प्रशासन ने बिजली ऑडिट कराने की बात भी कही थी. 15 दिन बीत जाने के बाद भी अस्पतालों में बिजली ऑडिट नहीं हुई. और नहीं बिजली जाने की घटनाएं कम हुई. कोटा में लगातार इस एक माह के अंदर तीन बार बिजली जाने की घटनाएं सामने आ चुकी है.
चिकित्सा मंत्री बोले " व्यवस्था ठीक करने के लिए हैं निर्देश
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा कोटा जिला प्रभारी मंत्री भी है और उनके इलाके में अस्पताल के हालात ऐसे हैं तो बाकी अन्य अस्पतालों के हालात कैसे होंगे इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है. बिजली जाने की बात पर चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि मैंने अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह जल्द से जल्द अस्पतालों की बिजली व्यवस्था को ठीक करें. जहां पर केबल लोड लेने लायक नहीं है.
वहां पर केबलों को बदला जाए. लोड के केबल पर ज्यादा नहीं आये इसलिए लोड को शिफ्टिंग करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा की व्यवस्था सुचारु है समस्या जरूर ठीक हुई होगी. मैंने पिछली विजिट में ही अधिकारियों को निर्देश दिए थे. यदि ठीक नहीं किया गया तो अधिकारियों से जवाब लेंगे. मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि पीडब्ल्यूडी के माध्यम से हॉस्पिटल का इलेक्ट्रिक सर्वे करवाया गया है जिसमें 15 लाख रुपए की स्वीकृति विभाग के द्वारा जारी कर दी गई है. पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि राजस्थान सरकार चिकित्सा व्यवस्था के मामले में गंभीर है. यह कभी कबार ऐसी घटनाएं हो जाती है. लेकिन उससे यह साबित नहीं होता कि राजस्थान में चिकित्सा व्यवस्था है कमजोर है. हमारी कोशिश है कि हम मरीज को बेहतर से बेहतर सुविधा दें.
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