Rajasthan Pension Scheme: देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं. नई पेंशन योजना को लागू करने का उद्देश्य आने वाले सालों में सरकार के कंधे से पेंशन भुगतान का बोझ समाप्त करने का था. केंद्र सरकार ने नई पेंशन योजना लागू की तो इसे राज्य के लिए अनिवार्य नहीं किया लेकिन पश्चिम बंगाल को छोड़कर धीरे-धीरे तमाम राज्यों ने इसे लागू कर दिया. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 15वीं विधानसभा में राज्य के बजट 2022-23 की घोषणा के दौरान पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का फैसला किया.


राजस्थान में लागू हुई पुरानी पेंशन स्कीम
राजस्थान सरकार द्वारा पेंशन को लेकर की गई घोषणा से एक बार फिर से पेंशन मुद्दा चर्चा में आ गया है. राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद रिटायर्ड होने पर अब कर्मचारियों को पूरी पेंशन मिलेगी. पुरानी पेंशन लागू होने से अंशदायी पेंशन योजना खत्म होगी और 2004 से पहले वाली पुरानी पेंशन प्रणाली फिर से सरकारी कर्मचारियों के लिए बहाल होगी. पुरानी पेंशन योजना के तहत इसमें वेतन की आधी पेंशन मिलेगी, जबकि नए पेंशन सिस्टम में कर्मचारियों को खुद पैसा कटवाना होता था. इसके साथ ही अब पुरानी पेंशन बहाल होने से सरकारी कर्मचारियों ने इस फैसले का स्वागत किया और प्रदेशभर में जश्न मनाया जा रहा है.


क्या है पुरानी और नई स्कीम में फर्क?
नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम राजस्थान के महासचिव जगदीश यादव ने एबीपी न्यूज़ से की खास बातचीत करते हुए बताया कि नई पेंशन और पुरानी पेंशन में क्या फर्क है और यह क्यों लागू की गई थी. नई पेंशन योजना के लागू होने पर uti घोटाला हुआ था. फर्जी कंपनी बनाकर सरकारी कर्मचारी के फंड का घोटाला हुआ. वहीं 2019 में DHFL घोटाला एक लाख का मुनाफा कमाने वाली 25 कंपंनी को 14 हजार करोड़ का लोन दिया गया.


पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)


-: जीपीएफ की सुविधा
-: पेंशन के लिए वेतन से कटौती नहीं.
-: रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी अंतिम वेतन का         50 फीसद गारंटी.
-: पूरी पेंशन सरकार देती है.
-: रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी (अंतिम वेतन के अनुसार) में         16.5 माह का वेतन (अधिकतम 20 लाख रु)
-: सेवाकाल में मृत्यु पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा जो             सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 
   20 लाख कर दी.
-: सेवाकाल में मृत्यु होने पर आश्रित को पारिवारिक           पेंशन एवं नौकरी.
-: हर छह माह बाद महंगाई भत्ता, जीपीएफ से लोन लेने     की सुविधा.
-: जीपीएफ निकासी (रिटायरमेंट के समय) पर कोई         आयकर नहीं.
-: रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद     मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति. 


नई पेंशन स्कीम (NPS)


-: जीपीएफ की सुविधा नहीं है.
-: वेतन से प्रतिमाह 10 फीसद कटौती.
-: निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं. यह पूरी तरह शेयर           बाजार व बीमा कंपनियों पर निर्भर होगी.
-: नई पेंशन बीमा कंपनी देगी. यदि कोई समस्या आती       है तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा.
-: रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों     की प्रतिपूर्ति नहीं होगी.
-: पारिवारिक पेंशन खत्म 
-: लोन की कोई सुविधा नहीं (विशेष परिस्थितियों में           जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार 
   रिफंडेबल लिया जा सकता है)
-: रिटायरमेंट पर अंशदान की जो 40 फीसद राशि             वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा.
-: नई पेंशन स्कीम पूरी तरह शेयर बाजार पर पर               आधारित, जो जोखिम पूर्ण है.
-: महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा.


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