Jodhpur News: शुल्क लगने से बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे लोग, टीके के फ्री होने का कर रहे इंतजार
Booster Dose: डॉ दवे ने बताया कि देशभर में पहली और दूसरी डोज सरकार के द्वारा फ्री में लगाई गई थी, उसी के चलते आम लोग इंतजार कर रहे हैं कि सरकार जल्द बूस्टर डोज को फ्री करेगी तब हम लगवाऐंगे.
Rajasthan Corona: कोरोना वायरस का संक्रमण अभी तक खत्म नहीं हुआ है. आज भी कोरोना संक्रमित मरीज पाए जा रहे हैं. सरकार की ओर से कोरोना संक्रमण से बचने के लिए पहली और दूसरी डोज फ्री में उपलब्ध कराई गईं. वहीं अब तीसरी बूस्टर डोज जोधपुर में 18 से 59 आयुवर्ग वालों को प्राइवेट अस्पतालों में शुल्क के साथ लगाई जा रही है. इस टीकाकरण को लेकर किसी प्रकार से लोगों में रूचि नहीं है.
11 अप्रैल से जोधपुर में बूस्टर डोज का कार्यक्रम शुरू
बूस्टर डोज को लेकर लोगों की रूची इसलिए भी नहीं दिख रही क्योंकि इससे पहले लगने वाले डोज फ्री थे, जबकि इसके लिए शुल्क लिया जा रहा है. जोधपुर में अब तक केवल 2869 लोगों ने ही शुल्क देकर बूस्टर डोज लगवाई हैं. जबकि 11 अप्रैल से जोधपुर में बूस्टर डोज शुल्क लेकर बूस्टर डोज देना शुरू हो गया था. ये डोज चुनिंदा प्राइवेट अस्पतालों में ही लगाई जा रही हैं. इसका शुल्क भी 387 रुपए निर्धारित है.
लोग इंतजार में कि सरकार जल्द बूस्टर डोज को फ्री करे
आरसीएचओ डॉ. कौशल दवे ने बताया कि गत महीने 13 मई तक महज 8 सौ लोगों ने शुल्क देकर बूस्टर डोज लगवाई थी. जबकि ये डोज मेडिपल्स, वसुंधरा और गोयल अस्पताल में लगाई जा रही हैं. डॉ कौशल दवे ने बताया कि देशभर में कोविड-19 के व्यक्ति की पहली और दूसरी डोज सरकार के द्वारा जिस तरह से फ्री लगाई गई थी उसी के चलते आम लोग इंतजार कर रहे हैं कि सरकार जल्द बूस्टर डोज को फ्री करेगी तब हम लगवाऐंगे.
डॉक्टर कौशल दवे ने आगे बताया कि शुरुआती दौर में निजी अस्पताल बूस्टर डोज ले ही नहीं रहे थे. अब कुछ निजी अस्पताल बूस्टर डोज खरीद रहे हैं, लेकिन निजी अस्पतालों में शुल्क देकर आम जनता ये डोज नहीं लगवा रही है कुछे एक लोग जिनको ट्रैवल करना है वही लोग बूस्टर डोज शुल्क देकर लगवा रहे हैं.
हेल्थ को लेकर समझौता नहीं करें आम जनता
डिप्टी सीएमएचओ जोधपुर डॉक्टर प्रीतम सिंह ने कहा कि सभी को हेल्प को लेकर सजग रहना चाहिए. मैं यह अपील करना चाहता हूं कि प्रत्येक व्यक्ति को वैक्सीन लगानी चाहिए बूस्टर डोज की दर कम है इस कारण किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतें. डॉक्टर को क्लीनिक में दिखाने के बाद लोग चार-पांच सौ की दवा पर खर्च कर देते हैं फिर बूस्टर डोज लगाने में क्यों गुरेज कर रहे हैं. इंश्योरेंस जितना जरूरी है, उतनी ही जरूरी शरीर के लिए वैक्सीन है. जबकि वैक्सीन तो इंश्योरेंस से भी सस्ती है.