Satta Bazar Prediction: क्या भीड़ को वोटों में बदल पाएंगे रविंद्र सिंह भाटी? फलोदी सट्टा बाजार के आकलन ने चौंकाया
Satta Bazar Prediction Rajasthan: राजस्थान की बाड़मेर सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े रविंद्र भाटी पर सबकी नजरे हैं क्योंकि वह केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को टक्कर दे रहे हैं.
Rajasthan News: राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है और अब 4 जून का इंतजार किया जा रहा है जब नतीजे घोषित होंगे. इस चुनाव में कई कद्दावर नेताओं और मंत्रियों की साख दांव पर है तो वहीं कुछ ऐसे निर्दलीय चेहरे भी रहे जिन्होंने अपनी रैलियों और जनसभाओं में समर्थकों की उमड़ी भीड़ के कारण खबरों में जगह बनाई. इनमें बाड़मेर (Barmer) लोकसभा सीट से प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) हैं जिन्होंने 2023 विधानसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की. रविंद्र भाटी की रैली में भीड़ तो खूब उमड़ी लेकिन क्या ये भीड़ वोट के रूप में भी तब्दील हो पाई है? सट्टा बाजार के आकलन इसको लेकर सकारात्मक नजर नहीं आ रहे.
फलौदी सट्टा बाजार के मुताबिक बाड़मेर में रविंद्र सिंह भाटी की स्थिति कमजोर दिख रही है. दरअसल फलौदी बाजार ने जिन पांच सीटों पर कांग्रेस की स्थिति अच्छी दिखाई है उनमें बाड़मेर सीट भी है. फलौदी बाजार के मुताबिक यहां कांग्रेस उम्मेदराम बेनीवाल को जीत हासिल हो सकती है. रविंद्र भाटी और उम्मेदार बेनीवाल के अलावा यहां बीजेपी की ओऱ से कैलाश चौधरी मैदान में हैं.
मंत्री कैलाश चौधरी से है टक्कर
कैलाश चौधरी ने 2019 में बाड़मेर से चुनाव जीता था लेकिन सट्टा बाजार के मुताबिक इस बार उनकी स्थिति अच्छी नजर नहीं आ रही है. कैलाश चौधरी केंद्र में कृषि एवं कृषक कल्याण राज्य मंत्री हैं. वहीं, रविंद्र भाटी की बात करें तो वह महज 26 वर्ष के ही हैं लेकिन उन्होंने बाड़मेर में भारी जनसमर्थन जुटाया है. रैलियों और जनसभाओं में उनने सुनने के लिए लोग खूब जुटते थे.
रविंद्र भाटी ने जीती थी शिव विधानसभा सीट
पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से चुनाव जीता था. रविंद्र भाटी एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं. वह परिवार के पहले सदस्य हैं जो राजनीति में है. उनके पिता शिक्षक हैं. रविंद्र भाटी बाड़मेर यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं. वह भी उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में ही जीता था.
(Disclaimer - सट्टा बाजार का आकलन इससे जुड़े लोगों की दिलचस्पी के आधार पर होता है. इसके आंकड़े किसी सर्वे या पोल से नहीं लिए गए होते हैं. ऐसे इस तरह के आकलन और नतीजों के सही होने के आसार बहुत कम ही होते हैं.)
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