Phool Mohammed Murder case: डीएसपी सहित 30 आरोपियों को मिली उम्रकैद, 49 बरी, CI फूल मोहम्मद को जीप में जला देने का है मामला
कोर्ट द्वारा महेंद्र सिंह पर 1 लाख 67 हजार रुपये, बनवारी पर 1लाख 87 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और बाकी के सभी आरोपियों पर 1 लाख 65 हजार अर्थ दण्ड से दंडित किया है.
Rajasthan News: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के सूरवाल गांव में लगभग 11 वर्ष पहले तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद को जिंदा जलाने के मामले में विशेष न्यायाधीश प्रकरण एवं अपर सेंसर न्यायाधीश ने तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक महेंद्र सिंह तोमर सहित 30 दोषियों को आजीवन कारावास और अर्थदंड से दंडित किया है. कोर्ट ने महेन्द्र सिंह को फूल मोहम्मद की हत्या के लिये भीड़ को उकसाने का दोषी मानते हुए कहा कि गुस्साई भीड़ की आड़ में अपराध की व्यक्तिक दायित्व से बच नही सकते. साथ ही कोर्ट ने टिप्पणी भी की है कि निजी विवाद के कारण उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वाहन नही किया. डीएसपी जैसे पद पर कार्यरत अधिकारी का यह कृत्य गंभीर है.
सजा के साथ अर्थ दण्ड से भी किया दण्डित
न्यायालय द्वारा महेंद्र सिंह पर 1 लाख 67 हजार रुपये, बनवारी पर 1लाख 87 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और बाकी के सभी आरोपियों पर 1 लाख 65 हजार अर्थ दण्ड से दंडित किया है.
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मृतक पुलिस इंस्पेक्टर के परिजनों को आर्थिक सहायता
मृतक पुलिस इंस्पेक्टर फूल मोहम्मद के परिजनों को 40 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घटना में घायल हुये 16 व्यक्तियों को 10-10 हजार दिए जाने का कोर्ट ने आदेश दिया है.
सीबीआई ने 89 आरोपियों के खिलाफ किया चालान पेश
सीबीआई ने 89 आरोपियों के खिलाफ किया था चालान पेश जिसमें कोर्ट ने 30 को दोषी मानते हुये 49 लोगों को बरी कर दिया वही 5 व्यक्तियों की ट्रायल के दौरान मौत हो गई 2 बाल अपचारी शामिल थे जबकि 3 आरोपी अभी भी फरार चल रहे है.
जानें एडवोकेट ने क्या कहा
एडवोकेट अब्दुल हासिब ने बताया कि तत्कालीन डीएसपी महेन्द्र सिंह को राजकार्य में षणयंत्र करना और बलवा करने के लिए दुष्प्रेरित करना हत्या का षणयंत्र कर लोकसेवक द्वारा किसी को हानि पहुंचाने और लोकसेवक को डरा धमकाकर कर नुकसान पहुंचाने और सम्पति को नुकसान पहुंचाने का दोषी मानते हुए सजा सुनाई है.
कोर्ट द्वारा सुनाया 375 पेज का फैंसला
न्यायाधीश पल्लवी शर्मा ने 375 पेज का फैंसला सुनाया है जिसमे सभी आरोपियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया .सभी आरोपियों को फैसले की प्रति उपलब्ध कराई.