Phulera Dooj: फुलेरा दूज से ही ब्रज क्षेत्र में होली के महोत्सव शुरू, भरतपुर में 45 जोड़ों की हुई शादी
Phulera Dooj 2023: भरतपुर में फुलेरा दूज के दिन सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. मान्यता है की फुलेरा दूज के दिन शादी करने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. सैनी समाज की तरफ से 14 जोड़ों की शादी कराई गई.
Phulera Dooj Bharatpur: राजस्थान का पूर्वी द्वार कहा जाने वाला जिला भरतपुर ब्रज क्षेत्र में आता है. ब्रज की होली देश में ही नहीं विदेश में भी अलग पहचान रखती है. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को फुलेरा दौज मनाया जाता है. फुलेरा दूज से ही ब्रज क्षेत्र में होली के महोत्सव शुरू हो जाते हैं. माना जाता है की फुलेरा दूज के दिन भगवान कृष्ण और राधा रानी ने फूलों की होली खेली थी. शास्त्र और पंचांग के अनुसार देश में कुछ ऐसे पर्व और तिथियां आती हैं जिनको अबूझ मुहूर्त के हिसाब से देखा जाता है और उस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है. फुलेरा दूज पर भगवान कृष्ण के मंदिरों को फूल बंगला झांकी और रोशनी से सजाकर विधि विधान से पूजा की जाती है.
फुलेरा दूज के दिन सामूहिक विवाह का आयोजन
भरतपुर में आज फुलेरा दूज के दिन सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया. मान्यता है की फुलेरा दूज के दिन शादी करने से दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है. सैनी समाज की तरफ से 14 जोड़ों की शादी कराई गई. सेवा भारती ने भी 10 गरीब कन्याओं को परिणय सूत्र में बांधा. कई सामाजिक संस्थाओं ने भी सामूहिक विवाह कराया.
भरतपुर शहर में कुल 45 जोड़ों ने अग्नि के सात फेरे लिए. सामूहिक विवाह समारोह में पहुंचे तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने नवविवाहित जोड़ों को आशीवार्द देकर सुखी जीवन की कामना की. उन्होंने कहा कि सामूहिक विवाह महंगाई के दौर में दहेज प्रथा से बचने के लिए सहायक है. उन्होंने अपील की कि दहेज की राशि को बच्चे-बच्चियों की बेहतर शिक्षा पर खर्च किया जाए.
BJP नेता ने दिया नवविवाहित जोड़ों को आशीवार्द
सेवा भारती के सामूहिक विवाह समारोह में राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने शिरकत की. उन्होंने नवविवाहित जोड़ों को दांपत्य जीवन खुशहाल होने का आशीर्वाद दिया. कार्यक्रम का आयोजन रणजीत नगर स्थित आदर्श विद्या मंदिर में किया गया. बीजेपी नेता ने सेवा भारती के सामूहिक विवाह समारोह की सराहना की. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
सामूहिक विवाह आज के समय की आवश्यकता है. सर्व समाज का विवाह एक साथ होने से जातीय भेदभाव समाप्त होता है और सनातन धर्म में शादी संस्कार है कॉन्टेक्ट नहीं है. इसलिए संस्कारों के आधार पर शादी होती है. राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ और सेवा भारती सेवा करने का बहुत बड़ा माध्यम है.
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