Places Of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (12 दिसंबर 2024) को प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई करते हुए मंदिर-मस्जिद से जुड़े नए मुकदमे दाखिल करने पर रोक लगा दी. साथ ही सर्वे पर भी स्टे लगा दिया. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से चार हफ्तों में जवाब मांगा है. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश पर अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह के नसीरुद्दीन चिश्ती का बयान सामने आया है. 


सुप्रीम कोर्ट के इस इसको लेकर ऑल इंडिया सूफी सज्जादानशीन काउंसिल के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा,"आज सुप्रीम कोर्ट के फैसले के साथ, मैं इस मामले पर बहस करने वाले सभी वकीलों को बधाई देना चाहता हूं. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं, क्योंकि इस समय इसकी बहुत जरूरत थी. मेरा दृढ़ विश्वास है कि इससे देश में शांति के एक नए युग की शुरुआत होगी और यह कायम रहेगी."


 






'न्याय प्रक्रिया पर विश्वास होगा मजबूत'
सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने आगे कहा, "सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से लोगों का विश्वास न्याय प्रक्रिया पर और मजबूत होगा. इस आदेश को सकारात्मता से लेना चाहिए. ये तमाम उन लोगों के लिए खुशी की बात है जो ख्वाजा गरीब नवाज में अपनी आस्था रखते हैं."
 
उन्होंने ये कहा कि न्याय प्रक्रिया है और कोर्ट में जाने का सभी को अधिकार है लेकिन अब तक तो मस्जिद पर उंगली उठाई जाती थी लेकिन अब ख्वाजा गरीब नवाज पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश उन लोगों के लिए चिंताजनक है जो सस्ती लोकप्रियकता के लिए ऐसी हरकते करते हैं. 


'एकता-अखंडता देश की ताकत' 
हमारी देश की एकता और अखंडता ही सबसे बड़ी ताकत है. हमें धार्मिक उन्माद से बचने की जरूरत है. हम सभी मिलकर रहें यही हमारे देश की तरक्की के लिए हमारा योगदान होगा. जिम्मेदार नागरिक होने के नाते हर देशवासी की ये जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के विवाद से बचें एक दूसरे की आस्था का सम्मान करें, न कि देश के ताने बाने को तोड़ने का काम करेंगे.