Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा चुनावों (Rajasthan Assembly Election) में महज कुछ महीने बाकी हैं. विधानसभा चुनाव से पहले लाल डायरी (Lal Diary) और लाल टमाटर को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है. भ्रष्टाचार की लाल डायरी, टमाटर और दूसरी सब्जियों की महंगी कीमतों की वजह से जनता में आक्रोश पैदा कर दिया है. इसको लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने सीकर (Sikar) की सभा में लाल डायरी के मुद्दे पर बोलकर प्रदेश के सियासत में गर्मी बढ़ा दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (27 जुलाई) को राजस्थान के दौरे पर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सीकर में सभा को संबोधित करते हुए, राजस्थान की सियासत में भूचाल लाने वाले लाल डायरी को लेकर प्रदेश सरकार पर कटाक्ष किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि लाल डायरी का जिक्र आते ही कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओ की बोलती बंद हो गई. उन्होंने राजस्थान में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राजस्थान में सरकार चलाने के नाम पर सिर्फ लूट की दुकान चलाई है.
लाल डायरी को लेकर पीएम मोदी का कांग्रेस सरकार पर तंज
सीकर में अपने संबोधन में प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीएम मोदी ने कहा राजस्थान में झूठ का बाजार चलाया है. इस झूठ की दुकान का ये सबसे ताजा प्रोडक्ट है. जिसे राजस्थान की लाल डायरी कहते हैं. उन्होंने कहा कि इस लाल डायरी में कांग्रेस सरकार के काले कारनामे है. लोग कह रहे हैं कि लाल डायरी के पन्ने खुले तो अच्छे-अच्छे निपट जाएंगे. यह लोग भले ही मुंह पर ताला लगा लें, लेकिन यह लाल डायरी इस चुनाव में कांग्रेस का डब्बा गोल करने जा रही है.
पीएम मोदी के आरोपों पर सीएम गहलोत का पलटवार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि पीएम मोदी लाल डायरी को लाल डायरी की नहीं बल्कि लाल टमाटर और लाल सिलेंडर सस्ता करने की बात करते, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. चुनाव में जनता इन्हें लाल झंडी दिखाएगी.
बर्खास्त मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा के इस बयान से शुरू हुआ विवाद
गहलोत सरकार में मंत्री रहते हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने अपनी सरकार के विरुद्ध विधानसभा में लाल डायरी का जिक्र किया था. उनके इस बयान के बाद विधानसभा में कांग्रेसी नेताओं के बीच घमासान शुरू हो गया. इस दौरान राजस्थान विधानसभा स्पीकर के सामने धक्का-मुक्की स्थिति बन गई थी. राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में सीएम गहलोत और उनके मंत्रियों के भ्रष्टाचार के काले चिट्ठों के सुबूत लाल डायरी में होने का दावा किया. गुढ़ा ने मणिपुर हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराने से पहले प्रदेश सरकार को अपनी गिरेबां झांकने की सलाह दी थी.
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