Rajasthan: क्या है ओम बिरला के संसदीय क्षेत्र में 'सुपोषित मां अभियान', जिसकी PM मोदी ने की तारीफ
PM Modi on Suposhit Maa Abhiyan: पहले चरण में कच्ची बस्तियों से स्वास्थ्य जांच के आधार पर 1000 महिलाओं का चयन किया गया. सूचना हासिल करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी मदद ली गई.
Rajasthan News: बूंदी संसदीय क्षेत्र में गर्भवती और धात्री महिलाओं के लिए चलाए जा रहे 'सुपोषित मां अभियान' (Suposhit Maa Abhiyan) की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने सराहना की है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Lok Sabha Speaker Om Birla) की पहल पर सुपोषित मां अभियान 29 फरवरी 2020 को केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने लॉन्च किया था. तीन वर्ष में हजारों महिलाओं का स्वास्थ्य बेहतर हुआ है. अभियान के शुरू होते ही कुछ दिन बाद कोविड-19 लॉकडाउन लग गया.
पीएम ने की 'सुपोषित मां अभियान' की सराहना
महिलाओं के परिजनों को पोषण किट लेने वितरण केंद्र जाना असंभव हो गया. लॉकडाउन में भी सुपोषित मां अभियान बाधित नहीं हुआ. सामाजिक दूरी और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गर्भवती महिलाओं के घरों तक पोषण किट पहुंचाए गए. पीएम मोदी ने ट्वीट में पहल को प्रेरक बताया. उन्होंने कहा कि मां और शिशु के स्वास्थ्य में पूरे परिवार की समृद्धि निहित है और यही तो एक सशक्त समाज की आधारशिला है.
माननीय लोकसभा अध्यक्ष जी की ओर से एक प्रेरक पहल! स्वस्थ मां और शिशु के साथ ही इसमें पूरे परिवार की समृद्धि निहित है और यही तो एक सशक्त समाज की आधारशिला है। https://t.co/9IC0Sq26Q8
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2023
कोटा संसदीय क्षेत्र में अभियान को तेजी से चलया जा रहा है. भामाशाहों के सहयोग से गर्भवती महिलाओं को सुपोषित किट उपलब्ध कराए जाते हैं. सुपोषित मां अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं का 9 माह तक ध्यान रखा जाता है. हर माह स्वास्थ्य जांच कर गर्भवती महिलाओं को निशुल्क दवाएं दी जाती हैं. गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां भी बताई जाती हैं. शहर के प्रमुख डॉक्टरों से इलाज कराया जाता है.
दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 में कई नवजात की मौत कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई थी. हड़कंप मचने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अस्पताल का दौरा किया. डॉक्टरों से पता चला कि कई प्रसूताओं में पोषण की कमी थी. जन्म लेनेवाले शिशु भी बेहद कमजोर थे. घटना के बाद अभियान की आधारशिला लिखी गई.
पहले चरण में 1000 महिलाओं का हुआ था चयन
पहले चरण में कच्ची बस्तियों से स्वास्थ्य जांच के आधार पर 1000 महिलाओं का चयन किया गया. सूचना हासिल करने में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी मदद ली गई. चयनित महिलाओं को 9 माह तक निशुल्क पोषण किट उपलब्ध करवाए गए. किट में विभिन्न प्रकार की पौष्टिक सामग्री थी. अभियान का परिणाम सकारात्मक रहा. 90 प्रतिशत महिलाओं का स्वास्थ्य ठीक हुआ और शिशु भी कुपोषित पैदा नहीं हुए.
अब अभियान की शुरुआत केशवराय पाटन में भी की गई. पहले योजना का लाभ कोटा के शहरी क्षेत्र में मिल रहा था. अब कोटा-बूंदी के एक-एक गांव में लाभ मिल रहा है. योजना एक दिन पूरे प्रदेश में लागू होकर वंचित वर्ग की गर्भवती महिला और शिशु दोनों का कल्याण करेगी. ओम बिरला ने कार्यक्रम में कहा कि अच्छे काम शुरू करने के लिए पीछे नहीं हटना चाहिए.
सुपोषित मां अभियान की शुरुआत होने पर पता नहीं था कितना लंबा चला पाएंगे. लेकिन मातृ सेवा के कार्य में सभी ने आगे बढ़कर साथ दिया. पहले चरण में एक हजार महिलाओं को फायदा पहुंचाया. उस दौरान भी कोई परेशानी नहीं आई. दूसरे चरण में तीन हजार महिलाओं को फायदा दे हैं. अब भी कोई दिक्कत नहीं आ रही है.