PM Narendra Modi In Rajasthan: गुर्जर समाज (Gurjar Community) के आराध्य भगवान देवनारायण जयंती (Devnarayan Jayanti) के बहाने बीजेपी राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले गुर्जर वोट बैंक को अपना बनाना चाहती थी, लेकिन उसका यह दांव सफल नहीं हो पाया. समाज को उम्मीद थी कि मेवाड़ आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) कई सौगातें देकर जाएंगे, लेकिन समाज के सभी सपने टूट गए.


पीएम मोदी इस समाज को अपना बनाए आए थे और नाराज करके चले गए. अब सोशल मीडिया पर लोग उनकी यात्रा को राजनीतिक बताकर कटाक्ष कर रहे हैं. इसके साथ ही गुर्जर नेताओं और मंत्रियों ने भी निशाना साधा है.
 
गुर्जर समाज को दी थी यह उम्मीद

राजस्थान (Rajasthan) में भीलवाड़ा (Bhilwara) जिले के आसींद विधानसभा क्षेत्र स्थित मालासेरी डूंगरी (Malaseri Dungri) पर गुर्जर समाज (Gurjar Community) के आराध्य भगवान देवनारायण (Bhagwan Devnarayan) के 1111वें जन्मोत्सव के मौके पर जनसभा का आयोजन किया गया. पीएम मोदी (PM Modi) ने इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. करीब एक महीने से इस महोत्सव की जोर-शोर से तैयारियां की जा रही थी.


बीजेपी के मंत्री और बड़े नेता दौरे कर रहे थे. कहा जा रहा था कि कार्यक्रम में पीएम मोदी देवनारायण कॉरिडोर की घोषणा करेंगे. गुर्जर समाज को प्रधानमंत्री से आरक्षण की भी उम्मीद थी. लेकिन, समाज की एक भी उम्मीद पूरी नहीं हुई. जनसभा के बाद देश-प्रदेश के विभिन्न इलाकों से आए गुर्जरों में बीजेपी के खिलाफ नाराजगी देखी गई. जनता खुद को ठगा-सा महसूस कर रही थी.


'गुर्जर समाज की उम्मीदों से कुठाराघात'

प्रदेश में कांग्रेस (Congress) सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने प्रधानमंत्री पर गुर्जर समाज की उम्मीदों से कुठाराघात करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि "बीजेपी के राज में गुर्जरों पर गोलियां चली थी और आज प्रधानमंत्री भी समाज को गालियां दे गए. समाज को प्रधानमंत्री से बहुत उम्मीद थी, क्योंकि समाज ने उन्हें भी वोट दिए हैं. हमें


तो लगा था कि 5 प्रतिशत आरक्षण की 9वीं अनुसूची में डालकर समाज में 72 शहीदों के घावों पर मरहम लगाने आ रहे हैं. लेकिन न तो घोषणा हुई और न ही युगपुरुष स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला जी को मंच से याद किया. एक बार फिर बस भगवान देवनारायण जी का आशीर्वाद लेने आए. समाज को कुछ देकर नहीं गए, न सम्मान, न दिलासा, न उम्मीद."


सोशल मीडिया पर लोगों ने भी किया कटाक्ष

भीलवाड़ा निवासी मदन साहू ने लिखा, "खाली हाथ आए थे, खाली हाथ चले गए. माननीय धर्मसभा को राजनीतिक सभा बनाकर चले गए. सर्व समाज के लोकदेवता के नाम पर एक जाति को रिझाकर चले गए. मालासेरी कॉरिडोर और देवनारायण श्राइन बोर्ड के नाम पर जनता को निराश करके चले गए. धर्मसभा को राजनीतिक सभा बना कर चले गए."


वहीं, अजमेर निवासी सुरेंद्र गुर्जर ने कटाक्ष करते हुए लिखा, "नवीं सूची में डल गया MBC आरक्षण. गुर्जर रेजिमेंट भी मिल गई. देवनारायण विश्वविद्यालय भी मिल गया. कॉरिडोर भी मिल गया. सबसे बड़ी बात कमल का फूल साझा हो गया और हां कुछ  लोगों को PM के साथ फोटो खिंचवाने का अवसर मिल गया. बधाई हो."


आदिवासियों को भी किया था निराश

राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में आने से तीन महीने पहले पीएम मोदी वागड़ क्षेत्र में आए थे. 1 नवंबर 2022 को मोदी ने बांसवाड़ा (Banswara) जिले के मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) में आदिवासियों के नायक रहे गोविंद गुरु की स्मृति में सभा की थी. उस वक्त भी आदिवासियों समेत पूरे प्रदेश को उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे, लेकिन वहां भी आदिवासी निराश ही हुए.


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