Ajmer Urs 2023: सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है यह दरगाह, उर्स में PM मोदी भी भेजते हैं चादर
अजमेर (Ajmer) में स्थित गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Chishti) की दरगाह सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है.पीएम मोदी (PM Modi) ने यहां अब तक 8 बार चादर चढ़ाई है.
Urs in Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान (Rajasthan) की धार्मिक नगरी अजमेर (Ajmer) में स्थित विश्व प्रसिद्ध गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती (Khwaja Moinuddin Chishti) की दरगाह सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है. यहां हर मजहब के लोग ख्वाजा के दरबार में सजदा और अकीदत करने के लिए आते हैं. हर साल आयोजित होने वाले सालाना उर्स मेले में देश-दुनिया से लाखों जायरीन पहुंचते हैं. देश-विदेश से ख्वाजा की मजार पर चादर चढ़ाई जाती है. इस साल ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में 811वें उर्स (Ajmer Urs 2023) का आयोजन आगामी 18 जनवरी से होगा.
पीएम मोदी ने अब तक 8 बार चढ़ाई चादर
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) भी हर साल अजमेर दरगाह शरीफ (Dargah Sharif Ajmer) के लिए चादर भिजवाते हैं. मोदी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी (Mukhtar Abbas Naqvi) यह चादर पेश करने दरगाह आते हैं. पिछले साल वर्ष 2022 में आठवीं बार पीएम मोदी (PM Modi) की तरफ से दरगाह में चादर चढ़ाई गई थी.
पीएम ने चादर के साथ भेजा था यह संदेश
प्रधानमंत्री मोदी चादर के साथ एक खास संदेश भी भिजवाते हैं. पिछले साल उन्होंने संदेश में लिखा था कि "ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के उर्स पर विश्ववर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं. दुनिया को मानवता का संदेश देने वाले महान सूफी संत के उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ में चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. अनेकता में एकता भारत की पहचान है. देश में विभिन्न पंथों, संप्रदायों एवं मान्यताओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व हमारी विशिष्टता है. विभिन्न कालखंडों में देश के सामाजिक, सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करने में संतों, महात्माओं, पीर व फकीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. इस गौरवशाली परंपरा में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का नाम पूरे आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है जिन्होंने समाज को प्रेम एवं सौहार्द का संदेश दिया. गरीब नवाज के आदर्शों एवं विचारों से पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा मिलती रहेगी. समरसता और भाईचारे की मिसाल यह उत्सव श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को और प्रगाढ़ बनाएगा. इसी विश्वास के साथ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूं."
झंडे की रस्म से होगी शुरूआत
अजमेर उर्स की शुरूआत आगामी 18 जनवरी को झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ होगी. भीलवाड़ा (Bhilwara) का गौरी परिवार दरगाह स्थित बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म निभाएगा. उर्स में दरगाह शरीफ (Dargah Sharif Ajmer) आने वाले जायरीनों के लिए जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी ने माकूल इंतजाम किए हैं. इस साल उर्स में 2 से 3 लाख जायरीन और 4 हजार से ज्यादा वाहन आने की उम्मीद जताई जा रही है. सुरक्षा के लिए 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे.
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