Rajasthan News: राजस्थान के जनजातीय क्षेत्र के अलग-अलग एरिया में लगातार विकाम काम करवाए जा रहे हैं. ऐसे में अब बांसवाड़ा में स्थित गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय के लिए 20 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिनसे कई विकास कार्य होंगे. इसका वर्चुअल लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 फरवरी यानी कल किया जाएगा. यह राशि प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान “पीएम उषा” के तहत भौतिक, अकादमिक और शोध परक कामों को अपग्रेड करने के लिए मिली है.
जिस जनजाति विश्वविद्यालय की हम बात कर रहे हैं उसका नाम गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय है. इस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केशव सिंह ठाकुर ने बताया कि पीएम उषा अभियान के तहत देश भर के विश्वविद्यालयों से इसके लिए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए थे. विश्वविद्यालय द्वारा जैसा प्रस्ताव भेजा गया था, वह ही स्वीकृत हो गया है. इस राशि से विश्वविद्यालय के अकादमिक, शोध और भौतिक संसाधनों में बढ़ोतरी होगी, जिसका लाभ जीजीटीयू के सभी विद्यार्थियों को मिलेगा.
कार्यक्रम में ये लोग होंगे शामिल
20 करोड़ रुपए ग्रांट राशि से इंफ्रास्ट्रक्चर कंस्ट्रक्शन, लैबोरेट्री इक्विपमेंट खरीद, लैब आधुनिकीकरण के कार्य होंगे. प्रो ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री इस योजना का राष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल लोकार्पण मंगलवार करेंगे. इस आयोजन में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा के विशिष्ठ प्रधान सचिव, कुलपति, जनप्रतिनिधिगण, संकाय सदस्य और विद्यार्थी शामिल होंगे.
स्मार्ट लैब समेत होगी ये सुविधा
पांच विभागों की स्थापना के लिए अकादमिक ब्लॉक जिसमें पांच विभाग के लिए जरूरी सभी क्लास, कांफ्रेंस हॉल, डिपार्टमेंट होंगे. प्रयोगशाला सामग्री, स्मार्ट लैब, सम्पूर्ण ई सुविधायुक्त कांफ्रेंस हॉल, आई टी लैब, फर्नीचर, डिजिटल और ई लर्निंग हेतु कार्यक्रम के लिए पीएम ऊषा योजना के तहत मिलने वाली राशि खर्च की जाएगा.
क्या है पीएम ऊषा योजना?
कुलपति ने बताया कि पीएम ऊषा योजना में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्च शिक्षा संस्थानों को और अधिक संसाधन युक्त बनाने, अधिकाधिक प्रासंगिक बनाने और रोजगार फ्रेंडली बनाने के साथ ही अधिक दक्षता, पारदर्शिता, जवाबदेही और राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली में उच्च स्तर की पहुंच, समानता और उत्कृष्टता प्राप्त करने का उद्देश्य है. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-यूएसएचए) के रूप में शुरू किया गया.