Rajasthan News: राजस्थान के कोटा जिले की ग्रामीण सीमलिया थाने में विरोध का अजीब मामला सामने आया है. यहां एक महिला ने अपने पति की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए थाने पर पहुंची. इस दौरान महिला ने अपने पति को रिहा करने के लिए काफी हंगामा किया. लेकिन, जब कामयाबी हाथ नहीं लगी तो अपने तीन मासूम बच्चों को कड़कड़ाती ठंड में थाने के बाहर छोड़कर चली गई. बच्चों के रोने की आवाज सुनकर जब पुलिस ने थाने के बाहर देखा तो तीन बच्चे खुले आसमान के नीचे रोते बिलखते दिखे. इसके बाद पुलिस ने बच्चों की मां की काफी तलाश शुरू की, लेकिन महिला कभी नहीं मिली. इसके बाद पुलिस ने तीनों मासूमों की देखभाल की, उन्हें कंबल ओढाए, उनके लिए खाने और दूध की व्यवस्था की. इसके बाद बच्चों को बाल कल्याण समिति के संरक्षण में पहुंचाया गया.
पुलिस ने बच्चों की मां की करीब पांच घंटे तक तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली. इसके बाद ग्रामीण सीमलिया थाने की पुलिस ने तीनों शिशु को बाल कल्याण समिति रोस्टर सदस्य मधुबाला शर्मा के समक्ष पेश किया, जिसमें एक 3 माह की बच्ची, एक डेढ़ साल का बालक और एक 3 साल का शिशु है. तीनों शिशु को शिशुओं को फिलहाल अस्थाई आश्रय दिया गया है. सीडब्ल्यूसी मधु शर्मा ने बताया कि तीनों शिशुओं के पिता को किसी प्रकरण के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद से ही बच्चों के पिता जेल में है. जब पति को नहीं छोड़ा गया तो मां ने पहले तो खूब हंगामा किया और उसके बाद जब उसे समझाने का प्रयास किया तो वह समझने को तैयार नहीं हुई और बच्चों को रोता बिलखता छोड़कर रफूचक्कर हो गई.
थाने के बाहर बच्चों के रोने की आवाज आई तो पुलिस ने संभाला
बताया जाता है कि बच्चों की मां सोमवार शाम को 6 बजे तीनों शिशुओं को लेकर थाने पहुंची और वहां हंगामा किया. वह बच्चों के पिता को छोड़ने पर दबाव बना रही थी. इस दौरान पुलिस ने महिला को बहुत समझाने की कोशिश की, लेकिन महिला नहीं मानी और तीनों शिशुओं को थाने के दरवाजे पर छोड़कर भाग गई. तीनों बच्चों के रोने की आवाज आने पर पुलिस वालों ने जब देखा तो उसके बाद बच्चों की मां को ढूंढा गया, लेकिन बच्चों की मां कहीं नहीं मिली.
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तेज सर्दी में रो-रो कर मासूमों का हुआ बुरा हाल
ऐसी तेज सर्दी में दूध मुंही 3 महीने की बच्ची को छोड़कर मां चली गई. वहीं, दो अन्य बच्चे भी छोटे ही हैं. तीनों बच्चों की देखरेख पुलिस द्वारा की गई. उन्हें सर्दी के कपड़े पहनाए गए और खाने-पीने की व्यवस्था की गई. रात को 11 बजे तक जब बच्चों की मां नहीं मिली तो सिमलिया के पुलिस अधिकारी ने फोन पर बाल कल्याण समिति मधुबाला शर्मा से बातचीत की. मधु शर्मा ने बोला कि बच्चों को संरक्षण की आवश्यकता है. बच्चे शाम को 6 बजे से लेकर 11 बजे तक मां नहीं मिलने पर जब तक मां नहीं मिलती और आगे की कार्रवाई पूर्ण नहीं होती, जब तक बच्चों को शिशु गृह में रखे जाने के आदेश दिए. तीनों शिशु काफी रो रहे थे.