Bharatpur News: आरक्षण के लिए नेशनल हाइवे पर आंदोलन करने पर सैनी समाज पर मुकदमा, पुलिस ने लगाए हैं ये आरोप
Rajasthan News: पुलिस ने राजकार्य में बाधा,नेशनल हाईवे पर जाम लगाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एवज में सैनी समाज के 40 नेताओं और 600 अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज किया है.
राजस्थान के भरतपुर जिले की नदबई तहसील के अरौदा गांव के पास में 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर सैनी माली कुशवाहा शाक्य मौर्य जाति के लोगों 21 अप्रैल से दो मई तक जाम लगा रखा था. यह जाम जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर लगाया गया था.सरकार के साथ सफल वार्ता और ओबीसी आयोग द्वारा सभी जिला कलेक्टर को माली, सैनी, कुशवाहा, शाक्य और मौर्य जातियों की स्थिति का आकलन कर 10 दिन में रिपोर्ट देने के लिए पत्र लिखा है. इसके बाद आंदोलनकारियों ने दो मई को चक्का जाम खत्म करने की घोषणा की थी.
कब से कब तक हुआ था आंदोलन
आंदोलनकारियों ने जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर स्थित डिवाइडर को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया था. आंदोलनकारी आंदोलन खत्म कर वहां से चले गए हैं. लेकिन अब पुलिस ने सैनी,माली, कुशवाहा, शाक्य और मौर्य समाज के आरक्षण आंदोलन करने वाले 35 नामजद नेताओं और 600 अज्ञात आंदोलनकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
भरतपुर के लखनपुर थाना ने शिकायत दर्ज करते हुए लिखा है कि 12 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर माली ,सैनी , कुशवाहा ,शाक्य और मौर्य जाती द्वारा जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर चक्का जाम लगाकर आंदोलन किया था. विगत जो मई को आंदोलन स्थल पर फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी और शैलेंद्र कुशवाहा और अंजलि सैनी ने सरकार से सफल वार्ता होने की घोषणा करते हुए आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की थी.
पुलिस ने आंदोलनकारियों पर कौन सी धाराएं लगाई हैं
पुलिस ने राजकार्य में बाधा,नेशनल हाईवे पर जाम लगाने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की एवज में सैनी समाज के 40 नेताओं और 600 अन्य आंदोलनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 148, 149,188,332,353, राष्ट्रीय राजमार्ग अधिनियम 1956, पीडीपीपी एक्ट के तहत शिकायत दर्ज किया है. लखनपुर थाना पुलिस ने आरक्षण आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर इस पूरे प्रकरण की जांच हलैना थाना प्रभारी योगेंद्र सिंह को सौंपी गई है.
सैनी, माली ,कुशवाहा ,शाक्य और मौर्य समाज के प्रदर्शनकारियों ने 12 दिन तक नेशनल हाईवे को जाम रखा.इससे आमजन परेशान हुआ और आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया. इसके बाद पुलिस प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है. फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि सैनी समाज द्वारा आरक्षण आंदोलन के दौरान चक्का जाम किया है लेकिन सरकारी संपत्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया और ना ही जिला प्रशासन और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार किया गया. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से आम जनता को कोई परेशानी नहीं हुई है, इसलिए मुकदमा दर्ज करना गलत है.
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