Rajasthan Politics: राजस्थान की राजधानी जयपुर में आज पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि 11 अप्रैल को 11 बजे एक दिन शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठेंगे. यह अनशन भले ही अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई न किए जाने के खिलाफ हो लेकिन यहां से एक संदेश को देने की तैयारी है.
दरअसल, इस दिन महान क्रांन्तिकारी और समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले (Jyotirao Phule) की जयंती है. इस दिन के चुने जाने के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं, लेकिन एक पीछे एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. क्योंकि 14 अप्रैल को अंबडेकर जयंती है. जिसे लेकर भाजपा पहले से ही 6 अप्रैल से सप्ताह के रूप में मना रही है. ऐसे में ज्योतिबा फुले की जयंती पर अनशन पर बैठकर पायलट ने एक तीर से कई निशाने लगा दिए हैं.
ज्योतिबाफुले ने की थी क्रांति
बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ज्योतिबा फुले को अपना आइकॉन मानती है. महाराष्ट्र से आने वाले ज्योतिबा फुले कई राज्यों में अपना प्रभाव रखते हैं. दलितों और महिलाओं के बीच इनका प्रभाव है. ऐसे में सामाजिक क्रांतिकारी ज्योतिबाफुले के दिन पूरे देश की मीडिया और लोगों की नजर सचिन पायलट के इस अनशन पर टिक जाएगा. तो क्या इसी अनशन के बाद पायलट अपने राजनीतिक क्रांति को जन्म देंगे.
दलित मतदाता को साधने की तैयारी
सचिन पायलट इस अनशन से राजस्थान, मध्य प्रदेश के दलित मतदाताओं को अपनी ओर साध सकते हैं. राजस्थान में दलित मतदाताओं को लेकर भाजपा और बसपा के बीच एक तरह से प्लानिंग चल रही है, लेकिन अब सचिन पायलट इस अनशन के माध्यम से एक बड़ा सन्देश देने की तैयारी में हैं.
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