Rajasthan News: राजस्थान की राजनीति में कब क्या हो जाये कहा नहीं जा सकता. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ( Vishvendra Singh) सरकार के लिए, प्रशासन के लिए और भरतपुर की छत्तीसों कौमों के लिए संकटमोचक का काम करते हैं. कहीं भी कोई बड़ी घटना हो जाए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह वहां पहुंचकर स्थिति को संभालते हैं और सरकार, प्रशासन और जनता के लिए संकटमोचक बनते हैं. इस बार भी उन्होंने सरकार को एक बड़े संकट से बचा लिया.


खत्म कराया किरोड़ी लाल मीणा का धरना
दरअसल, राज्यसभा सांसद और बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा अपनी मांगों को लेकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रास्ते में धरने पर बैठ गए. किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी की ओर से 2018 विधान सभा चुनावों में अलवर के मालाखेड़ा में जनसभा में किसानों की ऋण माफी का ऐलान किया था लेकिन आज भी राजस्थान में हजारों की संख्या में किसानों का ऋण माफ नहीं किया गया है.


किसानों की जमीनों को कुर्क किया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी की गई है, उन्हें बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है.  किरोड़ी लाल मीणा के धरने को देखते हुए कांग्रेस के नेता और और जिले के आला अधिकारीयों के हाथ पांव फूल गए और अधिकारी सकते में आ गए.


संकटमोचक बने विश्वेंद्र सिंह
किरोड़ी लाल मीणा को मनाने के लिए, उनसे वार्ता करने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली के नेतृत्व में कांग्रेसी नेता भी वहां पहुंचे लेकिन किरोड़ी लाल मीणा नहीं माने. उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह जिम्मेदारी मंत्री विश्वेन्द्र सिंह को दी. 
  
इसके बाद विश्वेन्द्र सिंह ने किरोड़ी लाल मीणा से फोन पर बात की और उन्हें आश्वासन दिया कि वे उन्हें उनकी मांगों को लेकर राहुल गांधी को ज्ञापन सौंपेंगे. आखिरकार किरोड़ी लाला मान गए और उन्होंने अपना धरना खत्म कर दिया. गौरतलब है कि मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और सांसद किरोड़ी लाल मीणा भले चाहे अलग-अलग पार्टी से हैं लेकिन दोनों के आपस में सम्बन्ध काफी अच्छे हैं और किरोड़ी लाल मीणा मंत्री विश्वेन्द्र सिंह की बात मानते हैं. 


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