Rajasthan Power Crisis: जहां पूरा देश बिजली संकट से परेशान है वहीं राजस्थान के चूरू में सरकारी ऑफिसों में बिजली की बर्बादी हो रही है. चूरू जिले के सरकारी दफ्तरों में अधिकारियों से लेकर बाबू तक के बंद कमरों में दिनभर ट्यूबलाइट जगमगाने से लेकर पंखे कूलर चलते हैं. एक पड़ताल में पाया गया है कि डीएम, एडीएम, एसडीएम से  लेकर बाबू तक के खाली पड़े कमरों में दिन में भी लाइट जगमगा रही थीं और इसके साथ ही इनमें एसी-पंखे भी फिजूल में चल रहै थे. जबकि राज्य सरकार कोयले की कमी की वजह से परेशान है और यहां पर जिले के शहरी क्षेत्रों में 6 से 7 घंटे तो  ग्रामीण क्षेत्रो में 12-12 घंटे लोग बिजली संकट से जूझ रहे हैं. प्रदेश में फसल की बुवाई से पहले बिजली की कटौती से ग्रामीण व किसान परेशान हैं.  


इतना ही नहीं बिजली की बर्बादी करने वाले इन सरकारी दफ्तरों पर लाखों रुपये का बिल भी बकाया है लेकिन यह फिर भी बिजली बर्बाद कर रहे हैं. चूरू जिले के कुछ अधिकारियों का रवैया जनता के सेवक वाला नहीं बल्कि साहबों वाला है. इनमें से कई विभाग तो ऐसे हैं, जिन पर भारी भरकम बिजली बिल बकाया है. इन अधिकारियों के दफ्तर में बैठे या नहीं बैठने से कोई फर्क नहीं लेकिन इनके एसी, पंखा, लाइट दफ्तर में बंद नहीं होते हैं.


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हैरानी वाली बात तो ये है कि बिजली बचाओ का संदेश देने वाले बिजली विभाग के कार्यालयों में ही फिजूल की लाइटें और एसी चल रही हैं. बिजली विभाग के ऑफिसों के खाली कमरों में भी पंखे चल रहे थे. नगर परिषद कार्यालय के खाली कमरों में एसी और पंखे चलते मिले, अफसरों के बन्द कमरे में दिन में भी एलईडी लाइटों से जगमगा रहे थे एसी पंखे खाली पड़ी कुर्सियों को ठंडा कर रहे थे. 


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कलेक्टर ने कहा नहीं होगी अब लापरवाही


इस मामले पर कलेक्टर सिद्वार्थ सिहाग ने कहा कि अब आगे से इस तरह की लापरवाही नहीं होगी. सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश देंगे कि उनकी जिम्मेदारी है जब कोई न हो तो पंखे, बल्ब व अन्य उपकरण बंद रहने चाहिए.