Rajasthan News: शिव महापुराण कथा में प्रदीप मिश्रा बोले, 'तन ढंकना सभी को राजस्थान के लोगों से सीखना चाहिए'
Kota News: दशहरा मैदान में आयोजित श्री देवपितृ शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. डॉ. अमिता बिरला, राजेश बिरला, विधायक संदीप शर्मा ने महाशिवपुराण का पूजन कर कथा का शुभारंभ कराया.
Pandit Pradeep Mishra Katha in Kota: कोटा के दशहरा मैदान में आयोजित श्री देवपितृ शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन मंगलवार (3 अक्टूबर) को भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. जैसे-जैसे कथा आगे बढ़ रही है, भोले की भक्ति का रंग गाढ़ा होता जा रहा है. भक्तों की संख्या रोजाना बढ़ रही है. लगभग 2 लाख से अधिक जनसमूह ने मंत्रमुग्ध होकर अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले के मुखारविंद से शिवकथा का श्रवण किया. डॉ. अमिता बिरला, राजेश बिरला, विधायक संदीप शर्मा ने महाशिवपुराण का पूजन कर कथा का शुभारंभ कराया.
पंडित प्रदीप मिश्रा ने प्रवचन में कहा कि दुख की घड़ी में भगवान शिव के पास एक लोटा जल, चावल के दाने और बिल्वपत्र लेकर जाइए. भगवान को कुछ नहीं चाहिए, केवल आपकी श्रद्धा चाहिए. आपका व्रत, दान, पुण्य बाद में फलेंगे, भगवान को चढ़ाया समर्पण, बिल्वपत्र, अक्षत, जल का फल जीवन भर मिलेगा. जीवन की यात्रा में सभी समस्याओं का एक ही हल एक लोटा जल और शिव तत्व है. उन्होंने कहा कि शिव महापुराण पारस की तरह है, जो लोहे से छूकर उसे सोना बना देती है.
भोजन की शुद्धता को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा?
पंडित प्रदीप मिश्रा ने व्यास पीठ से कहा कि राजस्थान के जैसी संस्कृति, खान-पान और पहनावा दुनिया में कहीं नहीं है. राजस्थान के पहनावे को मैं नमन करता हूं. तन ढंकना सभी को राजस्थान के लोगों से सीखना चाहिए. उन्होंने भोजन की शुद्धता के बारे में बात करते हुए कहा कि मनुष्य ही ऐसा प्राणी है, जिसे कुछ भी मिल जाए तो उसे वह खा लेता है. भगवान के प्रसाद में जो शुद्धता है वह कहीं नहीं मिल सकती. अन्नकूट और छप्पनभोग में जो स्वाद है, वह किसी होटल के भोजन में नहीं मिल सकता. नवरात्र में भंडारे का प्रसाद घर के भोजन से भी अधिक स्वादिष्ट होता है.