Kota News: कोटा बूंदी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया. कोटा बूंदी लोकसभा बीजेपी का गढ है, लेकिन इस बार यहां कांटे का मुकाबला दिख रहा है.
जिस तरह से प्रहलाद गुंजल की रैली में कार्यकर्ताओं को हुजूम उमड़ा है, उसे देखकर लग रहा है कि यहां मुकाबला काफी रोचक होने वाला है. मंच से भी प्रहलाद गुंजल ने ओम बिरला को चेतावनी दी और कहा ''मोदी और राम मंदिर का मुखौटा हटाकर आमने सामने आ जाओ पता चल जाएगा कि किससे सामना हुआ है.''
नामांकन रैली में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधवा, विधायक शांति धारीवाल, अशोक चांदना, चेतन पटेल, हरिमोहन शर्मा, सीएल प्रेमी उपस्थित रहे साथ ही कई वरिष्ठ नेता भी एक मंच पर दिखाई दिए. उम्मेद सिंह स्टेडियम से रैली रवाना हुई और कलक्ट्री तक पहुंची, जिसमें हजारों की संख्या में जन सैलाब उमड़ा.
परिक्रमा करनी है तो राम मंदिर की करेंगे किसी नेता या उसके भाइयों की नहीं
प्रहलाद गुंजल ने बीजेपी लोकसभा प्रत्याशी ओम बिरला पर जमकर हमला बोला, उन्होंने बिरला पर कई आरोप लगाए और कहा कि उनका कई संस्था, समाज और व्यापार पर कब्जा है, किसी नेता को बीजेपी में बने रहना है तो पहले बिरला जी और उनके भाइयों की पदचंपी करनी पडती है, लेकिन मुझे परिक्रमा किसी नेता की नहीं करनी. यदि परिक्रमा करनी है तो श्रीराम मंदिर की करेंगे.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा कि यह मुकाबला उन लोगों को बीच है, जिस व्यक्ति ने हमारे नेता राहुल गांधी की सदस्यता लोकसभा से खत्म की थी, यह उसका बदला लेने का समय आ गया, जिसकी कलम से 150 हमारे चुने हुए सांसदों को बाहर निकालकर काले कानून पास किए थे, उन्हें लोकसभा से बाहर निकालने का समय आ गया है.
प्रहलाद गुंजल के साथ जो कार्यकर्ता हमारे साथ है, 26 अप्रैल को कोटा में मौरया बोलना चाहिए. कोटा की धरती को प्रणाम करता हूं, प्रदेश में सबसे अधिक वोटों से कोटा बूंदी लोकसभा सीट जीतेंगे.
'मुझे देखकर खुशी हुई कोटा में कांग्रेस आज भी जिंदा है'
प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधवा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि मुझे यहां लोगों की भीड देखकर खुशी हुई की यहां कांग्रेस जिंदा है, उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने डेमोक्रेसी को खत्म करने का काम किया और कई सांसदों को बाहर कर दिया. उन्होंने कहा कि हमारा पैसा बंद कर दिया लेकिन वोट कैसे बंद करेंगे, वोट तो जनता के पास हैं, हमारे पास हैं.