Pratapgarh News: रोजगार (Employment) की तलाश में मजदूरों के पलायन (Migration) को रोकने के लिए राजस्थान (Rajasthan) के प्रतापगढ़ जिले में खास मुहिम चलाई गई है. इस जिले में करीब 20 हजार मजूदरों के पलायन को रोकने की तैयारी की है और उन्हें अब जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. इस मुहिम की अगुवाई प्रतापगढ़ जिले के कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत सिंह यादव ने की है. जानते हैं कैसे मिलेगा रोजगार और क्या है यह पहल...
कलेक्टर इंद्रजीत सिंह यादव ने राजस्थान ग्रामीण आजीविका परिषद (राजीविका) के जरिए इस योजना को तैयार किया है. इसमें संगठित और असंगठित श्रमिकों का डेटा जुटाया जा रहा है. पहले चरण में जोधपुर जाने वाले श्रमिकों का डेटा जुटाया गया है. इसमें श्रमिकों का ब्यौरा लिया जा रहा है जिसमें नाम, पता, स्थान का नाम( जहां वे काम करने जा रहे हैं) शामिल है. इसके अलावा घर में कितने सदस्य हैं, कितनी आय है और योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं, यह भी शामिल किया जा रहा है. इन आंकड़ों के आधार पर उन्हें रोजगार से स्थानीय स्तर पर ही जोड़ा जाएगा.
मजदूरों को इन उद्योगों से जोड़ा जाएगा
कलेक्टर ने बताया कि प्रतापगढ़ सहित डूंगरपुर-बांसवाड़ा में बड़े उद्योगों की कमी है. इसी कारण इन क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रमिक प्रवास करते हैं. इन्हें रोका जा सकता है और यहीं स्वरोजगार भी दिया जा सकता है. राजीविका योजना के जरिए उन्हें अपने जिले में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. यहां स्वरोजगार की अपार संभावना है. इसमें अगरबत्ती उद्योग, आटा मिल, शहद उद्योग, ब्यूटी पार्लर, डेयरी, बागवानी सहित अन्य से स्वरोजगार पा सकते हैं. यही नहीं राजीविका के द्वारा भी कई काम किए जा रहे हैं जिनसे उन्हें जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि पहले चरण में जोधपुर जाने वाले मजदूरों से संपर्क किया जा रहा है. इस चरण के कितने लोग इसमें साथ आते हैं देखा जाएगा और फिर अन्य राज्यों में जाने वाले मजदूरों से संपर्क किया जाएगा
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