World Sparrow Day 2023: गोरैया (चिरैया), जो हर घर के आंगन में चहकती हुई दिखाई देती थी लेकिन अब शहरी क्षेत्र में नाममात्र की उपस्थिति रही है. क्योंकि पक्के मकान और बिजली के तारों का जंजाल होने से उसके शहर से मुंह मोड़ लिया है. साथ ही यह विलुप्त प्रजाति भी बन गई है. इसी के संरक्षण के लिए 20 मार्च को विश्व गोरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया जाता है. इसमें कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. लेकिन एक ऐसा पुलिस थाना है जिसे लोग गोरैया घर के नाम से पुकारते हैं.


दरअसल यह थाना प्रतापगढ़ जिले में हैं जहां गोरैया की चहचाहट सुनाई देती है. अक्सर हम देखते हैं कि पुलिस थाने में बैरक और पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के कमरे बने हुए होते हैं. लेकिन प्रतापगढ़ जिले में गोरैया के घोंसले बने हुए हैं. 13 साल पहले की गई शुरुआत आज भी जिंदा है. ग्रामीण बताते हैं कि 13 साल पहले थानाधिकारी प्रवीण टांक इस थाने में तैनात हुए थे. गोरैया के संरक्षण और उनके रहने के लिए उन्होंने एक पहल की शुरुआत की थी.




थाने में गौरेया के लिए 70 से ज्यादा घोंसले


थानाधिकारी प्रवीण टांक ने थाने में लकड़ी के कई घोंसले बनाए. इनमें धीरे-धीरे गोरैया आना शुरू हुई और आज उनकी संख्या सैकड़ो में पहुंच गई है. अब थाने में 70 से ज्यादा घोंसले बने हुए है जहां दाना पानी देने के लिए पुलिसकर्मी तो हैं ही, साथ ही गांव के लोग भी उन्हें दाना पानी देने जाते हैं. थानाधिकारी प्रवीण टांक द्वारा शुरू की गई पहल यहां के पुलिसकर्मी और ग्रामीण आगे बढ़ा रहे हैं. 


आज यह होंगे कार्यक्रम


इंटनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने 2002 में गोरैया को विलुप प्रजाति घोषित किया था. फिर 20 मार्च 2010 में विश्व गोरैया दिवस घोषित किया गया. इसी को लेकर 20 मार्च को यह दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है और कार्यक्रम होते हैं. उदयपुर की बात करें तो यहां सेवानिवृत्त मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर ने बताया कि बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही अर्थ ब्रिगेड फाउंडेशन (Haj Earth Brigade Foundation) की तरफ से परिंदों का वितरण किया गया और गोरैया कृत्रिम घोंसले वितरित किए गए और यह बताया गया कि इन्हें संरक्षित कैसे किया जा सकता है.


ये भी पढ़ें: Udaipur Police Strike: इस हफ्ते बड़े VVIP मूवमेंट्स के तहत अपराधियों पर 'स्ट्राइक', एक दिन में 139 हार्डकोर गिरफ्तार