PM Narendra Modi News: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में प्रचार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में सक्रिय होंगे. वो 10 मई को राजस्थान के दौरे पर रहेंगे. उनका आबूरोड में एक जनसभा को संबोधित करने का कार्यक्रम है. प्रधानमंत्री ने कर्नाटक के चुनाव में जयपुर ब्लास्ट (Jaipur Blast) का मुद्दा उठाया था. इससे इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि बीजेपी इस मुद्दे को राजस्थान विधानसभा के चुनाव (Rajasthan Assembly Election 2023) में भुनाने की कोशिश करेगी. कांग्रेस (Congress) भी इस मुद्दे को लेकर बीजेपी (BJP) पर हमलावर है.
पीएम मोदी ने कर्नाटक में जयपुर ब्लास्ट पर क्या कहा था
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन मई को कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में प्रचार करते हुए कहा था, ''राजस्थान में कुछ साल पहले बम धमाका हुआ था. इसमें 50 से ज्यागा लोगों की मौत हो गई थी. वहां की कांग्रेस सरकार की पुलिस ने ऐसा काम किया कि सारे दोषी निर्दोष होकर जेल से छूट गए.'' उन्होंने कर्नाटक में कहा था कि कांग्रेस आतंकियों को बचाने में जुटी है.केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी अपने राजस्थान दौरे पर भरतपुर में कहा था कि गहलोत सरकार ने वोट के लिए जयपुर ब्लास्ट की सही पैरवी नहीं की.
इसके बाद से ही माना जा रहा है कि पीएम अपनी जनसभा में जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों के बरी होने को लेकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को घेर सकते हैं. प्रधानमंत्री 10 मई को राजस्थान के दौरे पर आने वाले हैं. वो नाथद्वारा में श्रीनाथ जी के मंदिर में दर्शन करेंगे. वहां से वो सिरोही औक माउंट आबू जाएंगे. माउंट आबू में वो प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जाएंगे और मानपुर हवाई पट्टी के पास एक जनसभा को संबोधित करेंगे.
कांग्रेस ने जवाबी हमले में बीजेपी को घेरा
प्रधानमंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि तकनीकी कारणों से हाई कोर्ट ने आरोपियों को छोड़ दिया है तो सरकार सुप्रीम कोर्ट में जाएगी. प्रधानमंत्री अगर ऐसे संवेदनशीन मसले पर बोलते हैं तो इससे अच्छा संदेश नहीं जाएगा. उल्टा इससे भ्रम फैलेगा. गहलोत ने कहा था कि ब्लास्ट बीजेपी के शासनकाल में हुआ, जांच भी बीजेपी ने ही करवाई. कांग्रेस के राज में तो आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई.
इस बीच बीजेपी की राजस्थान यूनिट ने जयपुर ब्लास्ट को लेकर अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है. इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की कमियों के कारण और अदालत में ठीक से परैवी न करने के कारण इस मामले के आरोपियों को राहत मिली थी.
ये भी पढ़ें