Udaipur News: उदयपुर में हाल ही में देश का पहला G-20 शेरपा सम्मेलन हुआ जिसमें 29 देशों से अतिथि आए थे. इसको लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की जिसमें जी-20 से संबंधित पहलुओं पर चर्चा के लिए राज्यों के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उप-राज्यपालों के साथ अन्य भी शामिल हुए. इस बैठक में राजस्थान से राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उपस्थित थे. बता दें कि उदयपुर में 4-7 दिसम्बर तक G-20 शेरपा सम्मेलन हुआ था. 


दिए सभी जी-20 आयोजनों के डॉक्युमेंटेशन करने के निर्देश


इस कॉम्फ्रेन्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उदयपुर में आयोजित प्रथम जी-20 शेरपा बैठक का उदाहरण देते हुए सभी जी-20 आयोजनों के डॉक्युमेंटेशन करने के निर्देश दिए ताकि इसका आगे भी उपयोग किया जा सके. उदयपुर प्रशासन द्वारा यहां की गई व्यवस्थाओं का डॉक्युमेंटेशन भी उच्च स्तर पर भेज गया है. प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि भारत की जी-20 अध्यक्षता पूरे देश से जुड़ी है और यह देश की क्षमता को व्यक्त करने का एक अनूठा अवसर है. प्रधानमंत्री ने टीमवर्क के महत्व पर जोर दिया और विभिन्न जी-20 आयोजनों में राज्यों/संघ शासित प्रदेशों से सहयोग की अपील की.


 उन्होंने कहा कि जी-20 अध्यक्षता पारंपरिक बड़े महानगरों से परे भारत के विभिन्न हिस्सों को प्रदर्शित करने और इस प्रकार से हमारे देश के हर हिस्से की विशिष्टता को सामने लाने में सहायता करेगी. उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस अवसर का उपयोग करते हुए स्वयं को आकर्षक व्यवसाय, निवेश और पर्यटन स्थलों के रूप में पुन: प्रस्तुत करने के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने संपूर्ण-सरकार और संपूर्ण-समाज दृष्टिकोण द्वारा जी-20 आयोजनों में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी दोहराया.


मुख्यमंत्री बोले जी-20 का आयोजन देश के लिए गौरव की बात
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी से लेकर आज तक सभी प्रधानमंत्रियों ने भारत के विकास में अपना योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता देश के लिए गौरव की बात है. आजादी के बाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने पंचशील सिद्धांत और गुटनिरपेक्ष आंदोलन जैसे वैश्विक कल्याण के विचार दिए. गुटनिरपेक्ष सम्मेलन भी भारत में आयोजित हुआ.


मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 देश की संस्कृति को वैश्विक स्तर पर दिखाने के लिए एक बड़ा मंच है. उन्होंने कहा कि ये वैश्विक समिट विश्वभर पर भारतीय संस्कृति की अमिट छाप छोड़ने और आने वाला दशक भारत का दशक हो इस परिकल्पना को साकार करने का बड़ा माध्यम बनने जा रहा है.


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