राजस्थान में बाघों की ओवर क्राउडिंग की समस्या होगी खत्म, चौथे टाइगर रिजर्व का रास्ता हुआ साफ
Tiger Reserve: कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व (Kumbhalgarh Tiger Reserve) के लिए लंबे समय से मांग चल रही थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ रही थी. अब इसे लेकर अपनी जांच की रिपोर्ट एनटीसीए ने सरकार को पेश कर दी है.
Over Crowding of Tigers in Rajasthan: कुंभलगढ़ और टॉडगढ़ वन्यजीव अभयारण्यों को टाइगर रिजर्व घोषित करने के लिए 2 महीने पहले हुई अपनी जांच की रिपोर्ट एनटीसीए ने सरकार को पेश कर दी है. रिपोर्ट पेश होने के बाद अब सरकार के पाले में गेंद आ गई है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकार ने अपनी फिजिबिलिटी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं जिन्हें पूरे करने होंगे. बता दें कि, कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व (Kumbhalgarh Tiger Reserve) के लिए लंबे समय से मांग चल रही थी लेकिन बात आगे नहीं बढ़ रही थी. इसे लेकर राजसमंद सांसद दिया कुमारी (Diya Kumari) ने सरकार को पत्र लिखा जिसपर एनटीसीए से विशेषज्ञों की कमेटी गठित हुई. कमेटी ने 3 दिन जांच कर अपनी रिपोर्ट पेश की है.
कुंभलगढ़ प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा
राजस्थान में रणथंभौर, सरिस्का, मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व हैं. रामगढ़ विषधारी को अभी सैद्धान्तिक मंजूरी है. गजट नोटिफिकेशन पास नहीं हुआ है तो अभी फिलहाल चौथा कोई टाइगर रिजर्व नहीं है. कुंभलगढ़ का गजट नोटिफिकेशन पहले मिल जाता है तो कुंभलगढ़ प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व हो जाएगा.
राज्य सरकार को कमेटी के सुझाव
- मांसाहारी एवं शाकाहारी वन्यजीवों की वैज्ञानिक तरीके से गणना करके संख्या के आंकड़े पेश करने की जरूरत है.
- अभयारण्यों में रिक्त पड़े कर्मचारियों के पदों को जल्द से जल्द भरा जाए.
- अभयारण्यों के दक्षिण भाग में स्थित उदयपुर (उत्तर), राजसमंद, पाली एवं सिरोही के घने प्रादेशिक वन खंड के जंगल जो कि बाघ प्रसार के लिए उपयुक्त है, इन जंगलों को प्रस्तावित टाइगर रिजर्व में जोड़ा जाए ताकि टाइगर रिजर्व और बड़ा बन सके.
- अभयारण्य क्षेत्रों के अंदर बसे गांवों को बाहर विस्थापित किया जाए.
- वायर लेस एवं पेट्रोलिंग ट्रैक, पेट्रोलिंग पथों की संरचना को मजबूत किया जाए और ज्यादा से ज्यादा पेट्रोलिंग ट्रैक विकसित किए जाएं. वन चौकियां और एंटी पोचिंग कैंप अभयारण्यों के अंदर बनाए जाएं ना कि अभयारण्यों की बाउंड्री पर.
- विदेशी मूल के अनचाहे पौधे जैसे कि अंग्रेजी बबूल, लेंटाना आदि को हटाया जाए.
- ग्रास लैंड का विकास करके शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाई जाए.
- जीपीएस "अम-स्ट्राइप" आधारित स्मार्ट पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए. फील्ड स्टाफ को वैज्ञानिक तरीके से वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जाए.
राज्य सरकार को करनी है कार्रवाई
एनटीसीए से रिपोर्ट मिलने के बाद अब राज्य सरकार को कार्रवाई करनी है. फिर अपनी अनुशंसा सहित प्रस्ताव केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भिजवाया जाना है.
शुरू किया जा चुका है ग्रास लैंड विकास का कार्य
राजसमंद डीएफओ फतह सिंह ने बताया कि ग्रास लैंड विकास का कार्य शुरू किया जा चुका है. शाकाहारी वन्य जीवों जैसे सांभर, चीतल आदि वन्यजीवों के संबंध में मदद मांगी जाएगी. वन्यजीव प्रेमी अनिल रोजर्स ने बताया कि कुंभलगढ़ टाइगर रिजर्व बनाए जाने के लिए उपयुक्त है. जहां-जहां थिन बेल्ट है वहां बेरन लैंड है जिसे वन विभाग सरकारी तौर पर हासिल कर सकता है.
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