Rajasthan Politics: चित्तौड़गढ़ में जिला अध्यक्ष नियुक्त करने में यह सिद्धांत भूल गई कांग्रेस, अब हो रहा है विरोध
Rajashthan News: कांग्रेस के नए जिला अध्यक्ष भेरूलाल चौधरी के विरोधियों का कहना है कि उनके पास छह-छह पद पहले से ही हैं, ऐसे में उन्हें जिला अध्यक्ष बना देने से चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है.
![Rajasthan Politics: चित्तौड़गढ़ में जिला अध्यक्ष नियुक्त करने में यह सिद्धांत भूल गई कांग्रेस, अब हो रहा है विरोध Protest among congress workers on appointment of District President in Chittorgarh Rajasthan ANN Rajasthan Politics: चित्तौड़गढ़ में जिला अध्यक्ष नियुक्त करने में यह सिद्धांत भूल गई कांग्रेस, अब हो रहा है विरोध](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/06/10eb0ba23f3366567e7da98c969e8ffa1688662704305490_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Udaipur News: तीन साल के इंतजार के बाद राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नई कार्यकारिणी गठित हो गई है. इसमें राजस्थान के 25 जिलों के अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है. इस सूची में कांग्रेस ने कही वरिष्ठों का सम्मान रखा है तो कहीं जातिगत समीकरण का ध्यान रखा है. मेवाड़ में उदयपुर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर और बांसवाडा में जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं. चित्तौड़गढ़ में ओबीसी समाज से आने वाले भैरूलाल चौधरी को जिलाध्यक्ष बनाया गया है. उनकी नियुक्ति का विरोध हो रहा है. आइए जानते हैं इस विरोध के पीछे क्या कारण है.
क्या कहना है विरोधियों का
कांग्रेस पदाधिकारियों की सूची जारी होने के बाद पवन शर्मा नाम की आईडी से फेसबुक पर एक मैसेज शेयर किया गया. इसमें जिसमें लिखा था,''एक व्यक्ति एक पद शायद यहीं नियम बनाया था, किंतु एक ही व्यक्ति को दे दी एक और जिम्मेदारी, नियम जोरदार है.'' इस मैसेज के बाद विरोध के एक के बाद एक मैसेज आने शुरू हो गए. इसी मैसेज पर एक रिप्लाई रफीक खान नमक यूजर ने भी दिया. इसमें उन्होंने विरोध के सारे कारण बता दिया.
रफीक ने लिखा, ''चित्तौड़गढ़ जिला कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति से युवाओं की उम्मीदों पर कुठाराघात...जिलाध्यक्ष पद के मजबूत दावेदार प्रमोद सिसोदिया को दरकिनार कर कपासन के प्रधान भेरूलाल चौधरी को चित्तौड़गढ़ कांग्रेस जिलाअध्यक्ष बनाने की घोषणा से युवा वर्ग में निराशा और मायूसी व्याप्त हो गई है.'' उन्होंने लिखा है कि भेरूलाल चौधरी जिलाध्यक्ष बनने के पहले से ही छह राजनीतिक नियुक्ति पा चुके हैं. चौधरी कपासन प्रधान, पीसीसी सदस्य, बीस सूत्रीय कार्यक्रम में सदस्य, जिला सतर्कता समिति में सदस्य, सांवलिया जी मंदिर मंडल कमेटी में सदस्य, ट्रस्टी डीएमएफटी विधानसभा कपासन पर आसीन हैं.
कांग्रेस का एक व्यक्ति, एक पद का सिद्धांत
उदयपुर में एआईसीसी की बैठक में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को गंभीरता से अपनाने का संकल्प लेने वाली कांग्रेस यहां कैसे चूक गई. सोशल इंजीनियरिंग का भी यहां कोई सरोकार नजर नहीं आता, क्योंकि ग्रामीण ब्लॉक अध्यक्ष पद पर जिले में केवल एक अनुसूचित जनजाति का और बाकी सब ओबीसी वर्ग के व्यक्तियों को नियुक्तियां दी गई है.सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक समुदाय से एक भी ब्लॉक अध्यक्ष नहीं है.
विधानसभा सीटों पर भी चार ओबीसी वर्ग को सीट दी जाती है. एकमात्र कपासन सीट जो कि अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, शायद इसीलिए वहां से जाट समुदाय के भेरूलाल चौधरी को चित्तौड़ जिला अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया है. तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो पूर्व में एनएसयूआई, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्त रहे प्रमोद सिसोदिया का पलड़ा भारी नजर आ रहा था. लेकिन एआईसीसी की घोषित सूची से सिसोदिया का नाम नदारद पाकर उनके समर्थकों में रोष व्याप्त है.
क्या कहना है दावेदार का
प्रमोद सिसोदिया से एबीपी न्यूज से कहा कि कार्यकर्ताओं में एक पद एक सिद्धांत वाली बात का विरोध कर रहे हैं. उनका विरोध है कि पहले से छह पद होने के बाद भी चौधरी को जिलाध्यक्ष का पद भी दे दिया गया है.इससे अन्य वर्गो में असंतोष है. इसका पार्टी को नुकसान हो सकता है. उन्होंने कहा कि आलाकमान के निर्देश का पालन करेंगे लेकिन यूथ की आवाज तो उठ रही है.
ये भी पढ़़ें
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)