Rajasthan Politics: जयपुर में सात दिनों से पुलवामा हमले में शहीद हुए राजस्थान के तीनों वीरों की पत्नियां सरकार की उपेक्षा को लेकर धरने पर हैं. आज (6 फरवरी) वो तीनों वीरांगनाएं दोपहर करीब 3 बजे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) के सिविल लाइंस के सरकारी आवास पर पहुंच गईं. वहां पर उन्होंने सचिन पायलट से मुलाकात की और पायलट ने उन्हें अपने सरकारी आवास के अंदर बुलाया. पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट ने उनसे बातचीत की और उनकी बात भी सुनी. हालांकि, अभी भी पायलट के सरकारी आवास के मेन गेट पर वो बैठी हुई हैं. उन्होंने पायलट को अपनी पूरी बात बताई. कुछ देर के लिए पायलट के आवास के बाहर अफरातफरी का माहौल बना रहा.
इस मामले को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि शहीद देश के गौरव होते हैं और उनकी वीरांगनाओं की मांगों को संवेदनशीलता से सुनने की आवश्यकता है. इसके साथ ही उन्होंने आगे लिखा कि मेरा सरकार से निवेदन है कि विनम्रता से उनका पक्ष सुनकर उचित और अति शीघ्र न्याय दिलाएं.
वीरांगनाओं ने पायलट से क्या कहा?
पिछले दिनों शहीद रोहिताश्व लांबा की पत्नी मंजू जाट ने सचिन पायलट से कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को सरकार के सामने रख रहे हैं. सरकार इन्हें मानने की बजाय हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है. उन्होंने कहा कि वे छह दिन से धरने पर हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मिल नहीं रहे हैं, मिलने जाते हैं तो पुलिस पीट रही है. यदि सरकार को हमसे इतनी ही परेशानी है, तो पुलिस को हमारे सीने में गोली मारनी चाहिए. यहीं से माहौल तनावपूर्ण हो गया.
किरोड़ी ने संभाली कमान
डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि सरकार वीरांगनाओं की जायज मांगों को पूरा करने की बजाय तानाशाही कर रही है. उन्होंने पुलिस के व्यवहार पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि इन शहीदों की पत्नियों के साथ अत्याचार हो रहा है. सरकार को इनकी मांगें माननी होगी. उन्होंने कहा कि शनिवार को तो पुलिस ने इनके साथ मारपीट भी की है. उन्होंने सवाल किया कि क्या मुख्यमंत्री से मिलने के लिए जाना कोई अपराध है. पुलिस ने शहीदों की पत्नियों के साथ मारपीट की, उन्हें घसीटते हुए गाड़ी में डाला.
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