Jodhpur Water Problem: इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए लगातार तीसरे साल क्लोजर लिया गया. क्लोजर अपने अंतिम चरण में हैं. 30 मई को पंजाब की ओर से फिर से नहर में पानी छोड़ा जाएगा.पानी को जोधपुर पहुंचने में 7 से 8 दिन का समय लगेगा. लेकिन इससे पहले 25 मई तक नहर में जो स्टोरेज किया गया है, वो पानी भी खत्म हो जाएगा. हालांकि जलाशयों में पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध है.


इंदिरा गांधी नहर में कहां से आता है पानी


पंजाब से इंदिरा गांधी नहर के द्वारा जोधपुर तक पानी पहुंचता है. इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के लिए पिछले तीन सालों से 60 से 70 दिन का क्लोजर हर साल लिया जा रहा है. इस बार भी यह 25 मार्च से शुरू हुआ था. इसमें शुरुआती 30 दिन में आंशिक रूप से नहर में पानी छोड़ा गया. क्लोजर के अंतिम 30 दिन तक पानी की आवक पूरी तरह से रोक दी गई. इंदिरा गांधी नहर में आने वाले पानी पर पश्चिमी राजस्थान के कई जिलों की पानी की सप्लाई निर्भर है. इस क्लोजर में जिले के लोगों को पानी पिलाने के लिए नहर में ही पानी को स्टोर किया गया था. यह पानी 25 मई तक खत्म हो जाएगा. ऐसे में जलदाय विभाग ने लोगों से अपील की है कि जब तक पंजाब से पानी नहीं पहुंचता है, पानी का उपयोग जरूरत के हिसाब से ही करें.


जलदाय. विभाग ने क्या सलाह दी है


जलदाय विभाग के अधिकारी ने बताया कि कायलाना और तखत सागर में 350mcft से ज्यादा पानी अभी स्टोरेज हैं. इससे 20 दिन तक शहर को पानी पिलाया जा सकता है. पंजाब से इंदिरा गांधी नहर में 30 मई को पानी छोड़ा जाएगा. यह पानी सात-आठ जून तक जोधपुर पहुंचेगा. पेयजल की सप्लाई शहर में 15 दिनों तक जलाशयों में स्टोरेज पानी से ही होगी.
 
इंदिरा गांधी नहर में अगले साल 2024 में भी मरम्मत का काम किया जाएगा.इसके चलते क्लोजर लिया जाएगा. ऐसे में शहर के प्रमुख जलाशयों में पानी स्टोरेज के लिए हर 15 दिन में लिए जाने वाला 24 घंटे का शटडाउन भी जारी रहेगा.


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