Kota Education News: देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश-परीक्षा नीट-यूजी-2023 का आयोजन रविवार को पेन-पेपर मोड़ पर ऑफलाइन संपन्न हुआ.नीट-यूजी-2023 का प्रश्न पत्र 2022 के मुकाबले स्तरीय रहा.एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि फिजिक्स के क्वेश्चन-पेपर में 58 प्रतिशत-प्रश्न बारहवीं कक्षा के सिलेबस से पूछे गए,जबकि 11वीं कक्षा से मात्र 42 प्रतिशत प्रश्न पूछे गए.
कैसा रहा फिजिक्स का पेपर
फुल-वेव रेक्टिफायर में रिपल्स, कैपेसिटिव एसी-सर्किट में डिस्प्लेसमेंट-करंट और ऑप्टिक्स में क्रिटिकल-एंगल से संबंधित उच्च स्तरीय प्रश्न पूछे गए. देव शर्मा ने बताया कि फिजिक्स के प्रश्न पत्र में फुलवेव-रेक्टिफायर में रिपल्स,कैपेसिटिव एसी-सर्किट में डिस्प्लेसमेंट-करंट और ऑप्टिक्स में क्रिटिकल-एंगल से संबंधित प्रश्नों ने विद्यार्थियों को विचलित किया.मैकेनिक्स,थमोर्डायनेमिक्स और मॉडर्न फिजिक्स से साधारण प्रश्न पूछे गए.कैपेसिटर, अल्टरनेटिंग-करंट,इलेक्ट्रोमैग्नेटिक-वेव, फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट और लॉजिक-गेट सभी टॉपिक्स से फॉमूर्ला और फैक्ट-बेस्ड क्वेश्चंस पूछे गए. देव शर्मा ने बताया कि 2022 की भांति ही फिजिक्स के इस क्वेश्चन-पेपर में टॉपिक-वाइज क्वेश्चंस का डिस्ट्रीब्यूशन बैलेंस्ड नहीं रहा.
कैसा रहा केमिस्ट्री का पेपर
केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में डाइविंग उपकरण में उपयोग की जाने वाली ऑक्सीजन में हीलियम गैस मिश्रित किए जाने और ट्रेंकुलाइजर से संबंधित प्रश्न ने विद्यार्थियों को उलझाया.देव शर्मा ने बताया कि केमिस्ट्री का प्रश्न पत्र एनसीईआरटी आधारित रहा. इनऑर्गेनिक-केमिस्ट्री में पॉलीमर्स, केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ से संबंधित सभी प्रश्न एनसीआरटी से पूछे गए.केमिकल-बॉन्डिंग, एक्सट्रैक्शन ऑफ मेटल्स, पॉलीमर्स और केमेस्ट्री इन एवरीडे लाइफ के फैक्ट-बेस्ड क्वेश्चन पूछे गए. फिजिकल-केमिस्ट्री से सॉलिड स्टेट, केमिकल-काइनेटिक्स केमिकल-थमोर्डायनेमिक्स और इलेक्ट्रोकेमेस्ट्री पर प्रश्न पूछे गए.
कट-ऑफ बढ़ेगा या घटेगा?
बायोलॉजी का प्रश्न पत्र पूरी तरह से एनसीईआरटी आधारित रहा.पिछले वर्ष 2022 के मुकाबले बायोलॉजी का प्रश्न पत्र आसान कहा जा सकता है. देव शर्मा ने बताया कि नीट-यूजी-2023 की कट-ऑफ बढ़ेगा या घटेगा यह कहना जल्दबाजी होगा.क्वेश्चन-पेपर के सोल्यूशन्स के आधार पर आंसर-की निर्मित की जाएगी. इसके बाद विद्यार्थियों को मार्क्स-कैलकुलेट करने के लिए कहा जाएगा.विद्यार्थी द्वारा अर्जित-अंकों के डाटा-एनालिसिस के पश्चात ही कट-ऑफ मार्क्स के बढ़ने या घटने पर तार्किक टिप्पणी की जा सकेगी.
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