Happy Radha Ashtami 2024: राजस्थान में आज (11 सितंबर) राधाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. भरतपुर के राधा और कृष्ण मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ है. भादपद्र माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधा रानी का जन्मोत्सव का जन्मोत्सव मनाया जाता है. मंदिरों में राधा रानी का पंचामृत से अभिषेक किया गया. अभिषेक के बाद भक्तों में चरणामृत प्रसाद का वितरण हुआ. राधा रानी के मंदिरों में सुबह 4 बजे से चहल पहल शुरू हो गई थी.


बांके बिहारी मंदिर, नदिया गोपाल मंदिर, राधा रमण मंदिर, कृष्ण राधा मंदिर और मोहन जी के मंदिर में श्रद्धालुओं की भक्ति उमड़ पड़ी. राधा रानी के जन्मोत्सव पर पर मंदिरों में मंत्रोचार का आयोजन हुआ. आरती के जरिये राधा रानी का गुणगान किया गया. नदिया गोपाल मंदिर में 51 दीपकों से राधा रानी की आरती उतारी गई. ब्रज के गीतों पर महिलाओं ने नृत्य की प्रस्तुति दी. श्रद्धालुओं ने राधा रानी का गुणगान कर खुशहाली की कामना की. राधा रानी का दर्शन कर भक्तों ने खुद को धन्य महसूस किया.




राधाष्टमी पर्व पर राधा रानी के मंदिरों में उमड़ी भीड़


राधाष्टमी पर साल में एक दिन राधा रानी के चरणों का दर्शन होता है. पंडित जितेंद्र भारद्वाज ने बताया कि राधा रानी का जन्मोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. भगवान कृष्ण की लीलाओं में राधा रानी का विशेष महत्व रहा है. उन्होंने बताया कि राधा रानी का जन्म बरसाना धाम में हुआ था. इसलिए ब्रज मंडल समेत देश भर में राधाष्टमी की धूम होती है.


सनातन धर्म में राधाष्टमी के दिन राधा-कृष्ण दोनों की पूजा करने का विशेष महत्व है. मान्यता कि राधा जी को प्रसन्न करने वाले को भगवान श्रीकृष्ण भी मिल जाते हैं. राधाष्टमी का पर्व राधा रानी के जन्मोत्सव की खुशी में मनाया जाता है. सनातन धर्म में सभी पर्वों का महत्वपूर्ण स्थान है. 


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