Rajansthan News: राजस्थान का पूर्वी द्वार कहा जाने वाला भरतपुर जिला ब्रज क्षेत्र में आता है. आज ब्रज क्षेत्र में राधाष्टमी को धूमधाम से मनाया जा रहा है. मंदिरों में राधा रानी का जन्मोत्सव धार्मिक रीति रिवाज के साथ धूमधाम से मनाया गया. शहर के विभिन्न मंदिरों में मंत्रोचार के साथ राधा रानी का अभिषेक पूजन किया गया. आज राधाष्टमी पर्व के शुभ अवसर पर  राधा-कृष्ण के मंदिरों में सुबह 4 बजे राधा रानी का दूध, दही, गंगाजल, इत्र से अभिषेक किया गया. इस दौरान महाआरती का आयोजन कर राधा रानी का गुणगान किया गया.


भरतपुर शहर के मुख्य ब्रज के आराध्य देव बांके बिहारी मंदिर के अलावा नदिया गोपाल मंदिर, राधा रमण मंदिर, कृष्ण राधा मंदिर और मोहन जी के मंदिर पर राधा रानी के जन्मोत्सव को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ जुटनी शुरू हो गई. मंदिरों में मंत्रोच्चार के साथ राधा रानी का अभिषेक पूजन किया गया. नदिया गोपाल मंदिर के पंडित जितेंद्र भरद्वाज के अनुसार सुबह राधारानी का अभिषेक किया गया. उसके बाद 51 दीपकों  से राधा रानी की आरती की गई. कार्यक्रम के दौरान ब्रज के भजनों पर महिलाओं ने नृत्य भी किया और राधा रानी का गुणगान कर खुशहाली की कामना की गई. श्रद्धालुओं ने राधा रानी के चरणों के दर्शन कर अपने-आप को भाग्यशाली महसूस किया. 


साल में सिर्फ एक बार होते हैं राधा रानी के चरणों के दर्शन 
शहर में राधा रानी के सभी मंदिरों में अक्सर राधारानी की पोषक से चरण ढके रहते हैं. लेकिन राधा अष्टमी पर ही वर्ष में एक बार राधा जन्मोत्सव पर राधा रानी के चरणों के दर्शन करने को मिलते हैं और दर्शनों का लाभ उठाकर श्रद्धालु अपने-आप को भाग्यशाली मानते हैं. 


क्या कहना है पंडित जी का 
नदिया गोपाल मंदिर के महंत पंडित जीतेंद्र भारद्वाज ने बताया है कि भरतपुर ब्रज क्षेत्र में आता है. इसलिए भरतपुर में भी राधारानी का जनमोत्सव बड़े ही धूम-धाम से मनाया जा रहा है. उन्होंने बताया है कि भगवान कृष्ण की लीलाओं में राधा रानी का विशेष महत्व रहा है. राधा रानी का जन्म बरसाना धाम में हुआ था. देश में और संसार में राधाष्टमी को बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है.


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