Rajasthan Politcs: गुजरात की एक अदालत ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को दो साल की सजा सुनाई. उनको यह सजा आपराधिक मानहानी के एक मामले में सुनाई गई है. राहुल गांधी को सुनाई गई इस सजा के खिलाफ कांग्रेस (Congress) ने आक्रामक रुख अपनाया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Rajasthan CM Ashok Gehlot) ने राहुल गांधी को  सत्य और अहिंसा का सिपाही बताया है. उन्होंने कहा कहा है कि राहुल गांधी ने सरकारी तंत्र के दवाब के आगे झुकने वाले नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी फासिस्ट ताकतों के खिलाफ मजबूती से लड़ेगी.


अशोक गहलोत ने राहुल गांधी की सजा पर क्या कहा है 


राहुल गांधी को सजा सुनाए जाने के बाद अशोक गहलोत ने एक ट्वीट में कहा, ''श्री राहुल गांधी सत्य एवं अहिंसा के सिपाही हैं. सरकारी तंत्र के दबाव में वो असत्य के सामने झुकने वाले नहीं हैं. राहुल जी और कांग्रेस पार्टी फासिस्ट ताकतों के खिलाफ मजबूती से लड़ती रहेगी.''






राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा,''आज न्यायपालिका पर दबाव है...राहुल गांधी की जो टिप्पणी है, ऐसी राजनीतिक टिप्पणी चलती रहती हैं. ऐसी टिप्पणियां अटल जी ने, आडवाणी जी ने पता नहीं कितनी की होंगी. लेकिन पहले इस तरह से मामला दर्ज़ नहीं होता था. हमें विश्वास है कि आने वाले समय में सही फैसला होगा.''


राहुल की किस टिप्पणी पर सूरत की अदालत ने सजा सुनाई है


गुजरात के सूरत की जिला अदालत ने राहुल गांधी को 2019 में दर्ज 'मोदी सरनेम' वाले आपराधिक मानहानि के मामले में दोषी करार दिया है. अदालत ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है. हालांकि, अदालत ने बाद में राहुल गांधी को जमानत दे दी. राहुल गांधी को एक महीने के लिए जमानत और इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करने की इजाजत दी गई है. इस मामले में पेश होने के लिए राहुल गांधी गुरुवार सुबह ही सूरत पहुंचे. अदालत में राहुल ने कहा था कि उन्‍हें जो सजा सुनाई जाएगी, वो उन्‍हें मंजूर होगी.


यह केस भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दर्ज किया गया था.इस मामले में राहुल गांधी ने अक्तूबर 2021 में अपना बयान दर्ज कराया था.राहुल के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी के सिलसिले में दर्ज किया गया है,जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था,"क्यों सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही होता है?" उनके इस बयान के खिलाफ बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पुरनेश मोदी ने याचिका दायर की थी. राहुल ने यह टिप्पणी 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में आयोजित एक जनसभा में की थी. 


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