Rahul Gandhi Disqualified News: राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद विरोध में कांग्रेस सड़क पर उतर गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Rajasthan CM Ashok Gehlto) सहित कई नेताओं की सख्त प्रतिक्रिया आई है. कांग्रेस कार्यकर्ता भी गुस्से में हैं और देश भर में सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने आनेवाले दिनों में उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार दोपहर 12:30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी.
बायतु विधायक ने राहुल गांधी के समर्थन में किया ट्वीट
बायतु विधायक और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी (Baytu MLA Harish Chaudhary) ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा कि तानाशाही से भारत जनता की आवाज को संसद में दबा सकते हो. देश की सड़कों पर नहीं, जिस षड्यंत्र से आज @RahulGandhi जी की संसद सदस्यता समाप्त की है. वो निंदनीय है. देश की जनता बीजेपी के चाल चरित्र और चेहरे को बेनक़ाब कर चुकी है. #BlackDayForDemocracy
कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा की नहीं आई प्रतिक्रिया
ओसिया से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) का आज राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद अभी तक कोई बयान नहीं आया है. उन्होंने सिर्फ कांग्रेस के ट्वीट को रिट्वीट किया है. वायनाड सांसद राहुल गांधी को चार साल पुराने मानहानि के मामले में सजा सुनाई गई है. 2019 में कर्नाटक में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने 'मोदी सरनेम' पर टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था,' ललित मोदी, नीरव मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम समान क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है?' सूरत पश्चिम से बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का केस किया था. उनका कहना था कि राहुल गांधी ने समाज की मानहानि की है.
केस की सुनवाई के दौरान राहुल गांधी तीन बार कोर्ट में पेश हुए थे. आखिरी बार अक्टूबर 2021 में पेशी के दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष बताया था. लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर आज शुक्रवार को बताया कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता भी रद्द कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को फैसले में कहा था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत से दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही अयोग्य घोषित हो जाएगा. कोर्ट ने लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में आदेश दिया था. इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था.