Reaction on Rahul Gandhi Disqualification: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म कर दी है. इसे लेकर कांग्रेस नेता बीजेपी पर निशाना साध रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा व अन्य नेताओं ने रोष प्रकट किया है. बीते गुरुवार सूरत कोर्ट ने मानहानि के केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी करार दिया था. साथ ही उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी. हालांकि सुनवाई के दौरान ही कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी थी. अब कांग्रेस नेता लगातार बीजेपी पर हमलावर हो रहे हैं.
भाजपा सरकार का तानाशाही रवैया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा, "श्री राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है. बीजेपी ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने श्रीमती इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी. श्री राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी. भारत जोड़ो यात्रा में राहुल जी ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया. इन पर ध्यान देने की जगह भाजपा सरकार राहुल जी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है."
सदस्यता ख़त्म करना अराजकता की पराकाष्ठा
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष व लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने लिखा, "श्री राहुल गांधी जी की लोकसभा सदस्यता ख़त्म करना अराजकता की पराकाष्ठा है. केंद्र की मोदी सरकार डरी हुई है, ये साज़िश इसका प्रमाण है. लेकिन सत्य को ना दबाया जा सकता है और ना ही झुकाया जा सकता है. हम सड़क से संसद तक संघर्ष करेंगे, लड़ेंगे और जीतेंगे."
लोकतंत्र के लिए शर्मनाक दिन
राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम व टोंक विधायक सचिन पायलट ने लिखा, "भारतीय लोकतंत्र के लिए आज शर्मनाक दिन है. राहुल गांधी जी की सदस्यता समाप्त करके भाजपा ये न समझे कि जनता की आवाज़ उठाने से उनको रोक देगी. हम जनता के लिए, सच के लिए आवाज़ उठाते रहेंगे."
भाजपा सरकार को बताया जनविरोधी
गुजरात चुनाव प्रभारी व केकड़ी विधायक रघु शर्मा ने लिखा, "हमारे नेता श्री राहुल गांधी जी निरंतर जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाते रहते हैं. जनविरोधी भाजपा सरकार ने हर संभव प्रयास किया है ताकि उनकी आवाज को दबाया जा सके. मैं और कांग्रेस पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता राहुल गांधी जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने के लिए संकल्पबद्ध हैं."
लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान
प्रदेश सरकार में उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने लिखा, "श्री राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करना लोकतंत्र में काले धब्बे की तरह है और लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है जिससे देश का कोई भी नागरिक बर्दाश्त नहीं करेगा. आज इस कृत्य से भाजपा का चाल और चरित्र बखूबी जनता के सामने आ गया है कि ये लोग किस तरह लोकतंत्र का गला घोंटकर तानाशाही राज स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं." खेल मंत्री अशोक चांदना ने लिखा, "सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं. भारत जोड़ो यात्रा की सफलता भाजपा की बौखलाहट आज का सबूत है." चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने लिखा, "देश सच के साथ है, देश श्री राहुल गांधी के साथ है."
क्यों गई राहुल गांधी की सदस्यता?
जानकारी के लिए बता दें कि 'मोदी सरनेम' को लेकर किए गए कॉमेंट पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ साल 2019 में मानहानि का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में सूरत के एक कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया और गुरुवार को दो साल के कारावास की सजा सुनाई गई. हालांकि, सुनवाई के दौरान ही उन्हें जमानत मिल गई थी.
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