'BJP ने चुनाव में जो...', बजट में ERCP का जिक्र न होने पर लोकसभा में भड़के राहुल कस्वां
Rahul Kaswan News: चुरू से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि बजट में जो बातें और घोषणाएं की गई हैं उसे देश का एक आम आदमी सोचता है कि इस बजट में किसान के लिए क्या है?
Rajasthan News: राजस्थान के चुरू से कांग्रेस सांसद राहुल कस्वां ने लोकसभा में केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार के बजट को निराशाजनक बताया. राहुल कस्वां ने कहा कि बीजेपी ने चुनाव से पहले जो गांव-गांव जाकर वादे किए थे, वो बजट में कहीं नजर नहीं आया. प्रदेश के लोगों पानी तक नहीं मिला. हमारे लोगों को ईआरसीपी, शेखावटी में भागीरथी योजना या अन्य कोई बड़ा प्रोजेक्ट लोगों को नहीं मिला.
"वित्त मंत्री ने जो बजट पेश किया और जो देश भर में सरकार द्वारा पिछले 10 साल से मैसेज दिया जा रहा था कि सबका साथ सबका विकास वो बजट में नहीं दिखा. फिलहाल इस बजट में जो मुझे एक लाइन नजर आती है, वह है जो हमारे साथ हैं हम उनके साथ हैं. सरकार केंद्र की कुर्सी बचाने के लिए इस बजट में जो बातें और घोषणाएं की गई हैं उसे देश का एक आम आदमी सोचता है कि इस बजट में किसान के लिए क्या है?"
आम आदमी को कुछ नहीं मिला
उन्होंने आगे कहा कि "आम जनता सोच रही है कि इस बजट में देश के युवाओं के लिए क्या है? इस बजट में देश के दलित और मजदूर के लिए क्या है? साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात की इस बजट में बदलते हुए भारत के लिए क्या है? अगर हम राजस्थान के बात करें तो यहां कुछ बड़े प्रोजेक्ट की बहुत जरूरत है. यहां कुछ ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिसपर एक आदमी की नजरें हैं. आम आदमी सोचता था कि शायद इस बजट में हमें भी कुछ मिलेगा."
राहुल कास्वां ने आगे कहा कि "भजनलाल शर्मा ने चुनाव के समय गांव-गांव जाकर लोगों से कहा कि पीने का पानी मिलेगा, लेकिन ईआरसीपी, शेखावटी में भागीरथी योजना या अन्य कोई बड़ा प्रोजेक्ट यहां के लोगों को नहीं मिला. इन योजनाओं की चर्चा न ही केंद्र सरकार के बजट में दिखी न ही भजनलाल सरकार के बजट में दिखी."
यमुना लिंक प्रोजेक्ट पर बोले राहुल
वहीं राहुल ने यमुना लिंक प्रोजेक्ट को लेकर कहा कि 22 हजार करोड़ का यह प्रोटेक्ट 2018 में डिजाइन किया गया था, इसका डीपीआर तैयार किया गया. इससे लोगों को बड़ी उम्मीद थी, इससे किसान और किसानी को बहुत बड़ा फायदा मिलता. मैं ये मानता हूं कि ये प्रोजेक्ट बदलते हुए भारत की सबसे बड़ी तस्वीर बन सकता है, लेकिन यह 2018 से प्रोटेक्ट पेंडिंग पड़ा है.
उन्होंने आगे कहा कि "राजस्थान में सरकार बनते ही उन्होंने दावा कि हरियाणा से बात हो गई है, लेकिन हरियाणा के उस समय के मुख्यमंत्री ने कहा कि इस एग्रीमेंट में हमारी कुछ क्लैरिटी नहीं है और हम उम्मीद करते रहे कि इस बजट में 22 हजार करोड़ का यह प्रोजेक्ट शुरू हो जाएगा, तो जो हमारा पानी वेस्ट जाता है यानी दूसरे राज्यों या देश से बाहर चला जाता है, उसे टैब करके राजस्थान के क्षेत्र में रख लेंगे."