Bharatpur News: पूर्वी राजस्थान में बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानो की कमर तोड़ दी है. किसान परेशान होकर जल्दी से गिरदावरी कराकर बरसात से हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं. भरतपुर जिले में बेमौसम बारिश और ओलों से किसानो को काफी नुकसान हुआ है.किसान की कटी फसल अभी खेतों में ही पड़ी है. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने भी अधिकारियों को दोबारा से गिरदावरी कराने और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए हैं. 


जिला कलेक्टर ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा 


भरतपुर जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने आधा दर्जन गांवों का दौरा कर बरसात से हुए नुकसान का जायजा लिया. उन्होंने जल्दी ही गिरदावरी कराकर मुआवजा दिलाने का आश्वासन  दिया है. जिला कलेक्टर ने दौरे के दौरान उपस्थित संबंधित हल्का पटवारियों को खराब फसल का सही तरीके से विशेष गिरदावरी करने और किसानों को 72 घंटे में फसल में हुए नुकसान की सूचना देने के निर्देश दिए.जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा की बेमौसम और बरसात और कई जगह ओलावृष्टि से किसानों की फसल को नुकसान हुआ है. जिले के सीनियर आरएएस अधिकारियों को क्षेत्र में भेजा है सर्वे करने के लिए साथ ही विशेष गिरदावरी कराने के निर्देश भी दे दिए गए हैं. मैंने खुद ने कई जगह जाकर देखा है ओलावृष्टि से फसल में खराब ज्यादा हुई है. उन्होंने कहा कि जल्दी ही किसानों को मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी.  


कैबिनेट मंत्री ने भी दिए गिरदावरी के आदेश 


जिले में तीन दिन से रुक-रुक कर हो रही बरसात और ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब होने को लेकर कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने अधिकारियों को दोबारा से गिरदावरी कराने के निर्देश दिए हैं. जिला कलेक्टर को निर्देशित किया है जिससे किसानों की खराब फसल का आकलन कर उनको मुआवजा दिलाया जाए.    


भरतपुर जिला और खेती-किसानी


भरतपुर कृषि आधारित जिला है. भरतपुर में कोई भी उद्योग-धंधा नहीं है. खेती के सहारे ही लोग अपना और अपने परिवार का जीवन-यापन करते हैं. मध्य वर्ग के किसान फसल के सहारे ही साल भर साहूकारों से उधार लेकर अपना काम चलाते हैं. फसल आने पर कर्जा उतारते हैं. अब फसल खराब होने के कारण किसानों को साहूकारों का कर्जा चुकाने की भी चिंता होने लगी है.भरतपुर वैर ,भुसावर ,बयाना ,रूपबास ,डीग ,कुम्हेर ,पहाड़ी ,कामां नगर क्षेत्र में बरसात से फसल को काफी नुकसान हुआ हैं. किसान परेशान हैं. किसान की गेंहू की फसल अभी खेत में खड़ी है और सरसों की कटी और अधकटी सरसों को काफी नुकसान हुआ है.


बरसात से करीब 11 हजार 900 हेक्टेयर में सरसों को नुकसान हुआ है. वहीं छह हजार 200 हेक्टेयर गेंहू की फसल को भी नुकसान हुआ है.कृषि विशेषज्ञों का मानना है की पानी भी भीगने से सरसों फिर अंकुरित हो सकती है. इसके अलावा भीगने से उसमें फफूंदी लगने का भी खतरा है.इससे सरसों की गुणवत्ता खराब हो सकती है. 


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