Hailstorm in Udaipur: पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उदयपुर में पिछले दो दिन से ओलावृष्टि और अतिवृष्टि का दौर चल रहा हैं.तेज बारिश के कारण उदयपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भर गया है.वहीं कुछ जगहों पर ओले गिरने से फसल चौपट हो गई है.अभी रबी की फसल का समय है. इसमें गेहूं, चना, सरसों की मुख्य फसल होती है.किसान सब्जियों का भी खेती इस समय करते हैं.बारिश ने सब्जियों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. कई क्षेत्रों में गेहूं, चना,सरसों को भी नुकसान हुआ है.यह किसानों पर मौसम की मार है, लेकिन इससे बचाव भी है.राज्य सरकार ने किसानों को अपने खराब हुए फसल की सीधी जानकारी देने के लिए एक व्यवस्था की है.इसके जरिए किसान अपनी खराबी हुई फसल की जानकारी सीधे संबंधित अधिकारी को दे सकते हैं.
राज्य सरकार ने क्या संदेश दिया है
राज्य सरकार और कृषि विभाग से किसानों के लिए एक मैसेज जारी किया है. इसमें बताया गया है कि उदयपुर ज़िले में हुई ओलावृष्टि व अतिवृष्टि व तेज हवाओं से कुछ क्षेत्रों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है.उदयपुर के बड़गांव, गोगुंदा, गिर्वा, वल्लभनगर, कुराबड, मावली के क्षेत्रों में ओलावृष्टि व अतिवृष्टि व तेज हवाओं से फसलों काफी नुकसान पहुंचा है. जिन फसलों को नुकसान हुआ है, उनमें गेहूं, जौ, चना, सरसों और सब्जियों की फसल प्रमुख हैं.
किसान कहां दे सकते हैं खराब हुई फसलों की जानकारी
उदयपुर के संयुक्त निदेशक कृषि माधोसिंह चंपावत और सहायक निदेशक कृषि डॉ.देवेंद्र प्रताप सिंह ने रविवार को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. इन अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों के किसानों से चर्चा की.चंपावत ने बताया कि कृषि उप जिला वार हुए नुकसान की सूचना मंगवा कर कृषि आयुक्तालय को सूचना दे दी गई है.साथ ही जिन किसानों के ओलावृष्टि व तेज हवाओं से नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि अगर किसान ने फसल बीमा योजना के तहत बीमा करवा रखा है तो टोल फ्री नंबर 18004196116 पर और ईमेल आईडी Ro.jaipur@aicofindia.com पर 72 घंटों में नुक़सान की सूचना दे सकते हैं. इसके बाद नुकसान का आकलन करवा कर बीमा कंपनी द्वारा करवा कर मुआवजा दिलाने की कोशिश की जाएगी.
चंपावत ने बताया कि क्षेत्र में कार्यरत कृषि पर्यवेक्षकों को प्रभावित क्षेत्रों के किसानों से संपर्क कर हुए नुक़सान की सूचना प्रपत्र में भरवाने के लिए निर्देशित किया गया है. प्रभावित क्षेत्रों के किसान भाई नजदीकी कृषि पर्यवेक्षक से संपर्क कर नुकसान की जानकारी प्रपत्र में भरकर दे सकते हैं.
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