Ajmer News: विश्व प्रसिद्ध ब्रह्मा मंदिर और ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की वजह पूरी दुनिया में मशहूर अजमेर की ख्याति में एक और सितारा लगने वाला है. जल्द ही यहां दुनिया के सात अजूबे भी दिखाई देंगे. इसके लिए अजमेर जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली हैं. अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से यहां एक हेक्टेयर भूमि पर इन अजूबों की रेप्लिका तैयार की गई है. आनासागर झील किनारे इस निर्माण में करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आई है.


अपनी विशिष्ट बनावट, अद्भुत कारीगरी और वास्तुकला के लिए इस दुनिया में सात इमारतें मशहूर हैं. पेरिस का एफिल टावर, पीसा की झुकी हुई मीनार, मिस्र के पिरामिड, रोम का कोलोजियम, स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी, क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा, आगरा का ताजमहल, ये वो सात इमारतें हैं जिन्हें सात अजूबा कहा जाता है. इन्हें देखने के लिए अलग-अलग देशों में जाना होता है. लेकिन यह हर शख्स के लिए संभव नहीं है. ऐसे में अजमेर प्रशासन ने दुनियाभर से अजमेर आने वाले पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए एक ही जगह पर इन सातों अजूबों को बनाने का फैसला किया और आनासागर झील किनारे इन सात अजूबों की रेप्लिका तैयार करवाई. यह देखने में हूबहू वैसे ही दिखते हैं जैसे असली अजूबे हैं.


पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
धार्मिक नगरी अजमेर सांप्रदायिक सौहार्द और कौमी एकता के लिए मशहूर हैं. यहां अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह है तो वहीं पुष्कर में जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर है. देश-दुनिया से आस्थावान लोग मंदिर में दर्शन और दरगाह में जियारत करने अजमेर आते हैं. अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सात अजूबे बनने से यहां पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. माना जा रहा है कि अजमेर स्मार्ट सिटी प्रशासन इसी माह में कार्य पूरा कर इसे अजमेर विकास प्राधिकरण के हैंडओवर कर देगा. इसके बाद सारा मैनेजमेंट एडीए ही संभालेगा.


दिल्ली से हुई थी शुरूआत
देश में सेवन वंडर्स की शुरूआत दिल्ली से हुई थी. वहां ‘वेस्ट ऑफ वंडर-Waste of Wonder’ नाम से सात अजूबे बनाए गए थे. निर्माण वेस्ट मटेरियल से किया था. इसके बाद राजस्थान के कोटा में भी सात अजूबों का निर्माण करवाया. आज इन दोनों ही स्थानों पर पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और यादों को संजोने के लिए तस्वीरें और सेल्फी लेते दिखाई देते हैं. अब अजमेर में सेवन वंडर्स को लेकर लोग क्रेजी दिख रहे हैं.


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