Rajasthan News: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, जानें क्या है मामला
Rajasthan Politics: राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश कुलदीप माथुर की बेंच ने गुरुवार को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
Sanjivani Credit Co-operative Society Scam: बहुचर्चित संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशकों के 953 करोड़ रुपयों के कथित गबन के मामले में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) की और से पेश की गई विविध आपराधिक याचिका पर गुरुवार को राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) के न्यायाधीश कुलदीप माथुर (Kuldeep Mathur) की बेंच में सुनवाई हुई. सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की गिरफ्तारी पर तत्काल रोक लगा दी है.
तीन सप्ताह बाद होगी सुनवाई
राजस्थान हाई कोर्ट के न्यायाधीश कुलदीप माथुर की बैंक में गुरुवार को संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मामले से जुड़े केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी पर रोक लगाई. इसके साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई तीन सप्ताह बाद करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में केंद्रीय मंत्री की याचिका में मांग की गई थी कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मल्टी स्टेट सोसाइटी है. इसलिए सभी मामलों की जांच सीबीआई से कराई जाए. हालांकि, केंद्रीय मंत्री की इस मांग पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है. अब तीन सप्ताह बाद ही इस पर किसी प्रकार की सुनवाई हो सकेगी.
गुजरात में भी थीं शाखाएं
जानकारी हो कि प्रदेश के करीब 1 लाख 46 हजार 993 निवेशकों ने अपनी खून पसीने की कमाई से संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी में 953 करोड़ रुपये निवेश किये थे. इसके बाद निवेशकों के रुपयों का दुरुपयोग संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने कर लिया था.
कई हो चुके हैं गिरफ्तार
निवेशकों के निवेश के कथित घोटाले के मामले में नरेश सोनी, किशन सिंह चोली, पूर्व अध्यक्ष देवी सिंह शैतान सिंह और इसके मुख्य सूत्रधार विक्रम सिंह इंद्रोई को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है. बता दें कि प्रदेश में संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी ने करीब 211 शाखाएं खोल रखी थीं, जबकि गुजरात में भी करीब 26 शाखाएं अलग-अलग जगहों पर खोल रखी थीं. जानकारी हो कि इस मामले में प्रदेश में जमकर राजनीति भी हो रही थी. केंद्रीय मंत्री पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी. फिलहाल इससे उन्हें राहत मिल गई है.