Lumpy Skin Disease: पूरे राजस्थान में लंपी वायरस का कहर फैलता जा रहा है. सिर्फ बारां जिला ही लंपी वायरस से बचा हुआ है. जबकि करीब-करीब सभी जिले इस वायरस की चपेट में आ गए हैं, यहां बड़ी संख्या में हर रोज गोवंश संक्रमण का शिकार हो रहे हैं. इस बीच बूंदी जिला कलेक्टर रविंद्र गोस्वामी ने लंपी वायरस से निपटने के लिए प्रशासनिक स्तर से लेकर हर गांव के लोगों के साथ मिलकर एक योजना तैयार की है. जिसमें जिला कलेक्टर ने पंचायत स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर संबंधित गांव के जागरूक लोगों को उस में जोड़ा है ताकि लंपी वायरस से जुड़ी जानकारी जुटाई जा सके.


कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इन ग्रुप्स में लंपी वायरस से जुड़ी कोई भी खबरें सामने आए तो तुरंत उस पर एक्शन हो, साथ ही जिला कलेक्टर ने गांवों में ऐसी जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं जो चार दिवारी में हो और वहां पर ऐसे संक्रमित गोवंश को रखा जा सके. बता दें कि लंपी वायरस की चपेट में आने से अब तक राजस्थान में 50 हजार के अधिक गायों की मौत हो चुकी है जबकि 10 लाख के करीब गाय इस वायरस से संक्रमित हैं.


लंपी स्किन रोग को लेकर बरतें सावधानी 
बूंदी जिला कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में लंपी स्किन संक्रमण के मामले सामने आए हैं. इसको देखते हुए जिले में विशेष सतर्कता बरती जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि पशुपालन विभाग द्वारा गोवंश का टीकाकरण किया जाए. इस काम को प्राथमिकता के साथ किया जाए. साथ ही पशुपालकों को भी संक्रमण के प्रति जागरूक किया जाए. छोटे भी लक्षण नजर आए तो वह तुरंत संबंधित डॉक्टर को दिखा कर बचाव के उपचार ढूंढे. 


कलक्टर रविंद्र गोस्वामी ने बताया कि लंपी वायरस की प्रभावी रोकथाम के लिए हमने हर ग्राम स्तर पर टीम बनाकर वायरस से कैसे निपटा जाए उसकी रूपरेखा तैयार की है. हमने व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर उसकी सूचना ग्रामीणों से एकत्रित कर उसमें तत्काल प्रभाव से एक्शन ले रहे हैं. जिले में लंपी वायरस फैला जरूर है लेकिन घातक की स्थिति नहीं है. जिले की गौशालाओं में भी अभी तक लंपी वायरस के मामले ज्यादा सामने नहीं आए हैं. 


अब तक 90 हजार गोवंश को टीकाकरण
अब तक बूंदी जिले में 90 हजार गायों को टीकाकरण कर दिया गया है. हर दिन राज्य सरकार की ओर से जिले को 10 हजार डोज प्राप्त हो रही हैं. जिस पर टीम लगाकर विभाग टीकाकरण कर रहा है. सहायक निदेशक जुगल किशोर ने बताया कि अब तक जिले में 1100 के करीब लंपी वायरस के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 600 गायों को इस संक्रमण से बचाया जा चुका है. बाकी अन्य गायों की रिकवरी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जैसे ही इस बीमारी से रोकथाम के लिए दवाई भेजी जा रही है, उन्हें हर पंचायत स्तर तक पहुंचाया जा रहा है. जिले में लगातार पशु महकमा अलर्ट मोड पर है जिसका कारण यह रहा कि समय पर हमने इतनी बड़ी तादाद में टीकाकरण कर लंपी वायरस के संक्रमण को रोकने का काम किया.  


क्या है लंपी वायरस?
गायों में बुरी तरह से फैल चुके लंपी स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग’ भी कहा जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है. आसान शब्दों में कहें तो संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है. यह बीमारी केपरीपॉक्स वायरस नामक वायरस से इसका संबंध गोट पॉक्स और शीप पॉक्स वायरस परिवार से है. जानकारों की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है.


ये भी पढ़ें


Watch: लंपी वायरस से पीड़ित गाय दवा लेने पहुंची मेडिकल स्टोर, सोशल मीडिया पर Video Viral


Rajasthan: गौपालन मंत्री के घर गाय लेकर पहुंचे ABVP के कार्यकर्ता, लंपी वायरस को महामारी घोषित करने की मांग