Rajasthan News: राजस्थान में कोरोना और स्वाइन फ्लू समेत गंभीर बीमारी की पढ़ाई करेंगे नर्सिंग छात्र, जानें डिटेल
सेमेस्टर सिस्टम के अनुसार ही 4 साल के कोर्स में 8 सेमेस्टर होंगे और 6-6 माह में परीक्षा होगी. प्रदेश के 160 नर्सिंग कॉलेजों में स्वाइन फ्लू, कोरोना की पढ़ाई करवाने से नर्सिंगकर्मी इलाज कर सकेंगे.
Rajasthan News: अब राजस्थान के बीएससी नर्सिंग कॉलेजों में नर्सिंग छात्रों को नए सत्र 2023 से कोरोना, स्वाइन फ्लू, डेंगू जैसी गंभीर बीमारियों की पढ़ाई करवाई जाएगी. इसको लेकर इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. जिसे राजस्थान विश्वविद्यालय स्वास्थ्य विज्ञान ने नर्सिंग कॉलेजों को अनुमति भी दे दी है. अब नर्सिंग कॉलेजों में नई पढ़ाई को लेकर सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा.
160 कॉलेजों में होगी पढ़ाई
सेमेस्टर सिस्टम के अनुसार ही 4 साल के कोर्स में 8 सेमेस्टर होंगे और 6-6 माह में परीक्षा होगी. प्रदेश के 160 नर्सिंग कॉलेजों में स्वाइन फ्लू, कोरोना की पढ़ाई करवाने से नर्सिंगकर्मी प्रारंभिक इलाज कर सकेंगे. इन बीमारियों के आने वाले मरीजों को नर्सिंगकर्मी इलाज नहीं कर पाते थे ना ही इनका प्रारंभिक ट्रीटमेंट हो पाता था. सरकार ने फैसला लेते हुए अब नर्सिंग कर्मियों को ट्रेंड करने का निर्णय लिया है ताकि मरीजों को राहत मिल सके. उधर फैसला लिए जाने के बाद नर्सिंगकर्मियों ने खुशी जताई.
प्रदेश में करीब 160 नर्सिंग कॉलेज
कोटा नर्सिंग प्रिंसिपल पीपी मीणा ने बताया कि राजस्थान में करीब 160 नर्सिंग कॉलेज हैं. इनमें अगले साल से सेमेस्टर सिस्टम लागू हो जाएगा. अब तक बीएससी नर्सिंग विद्यार्थियों की साल में एक ही बार परीक्षा होती थी, लेकिन सेमेस्टर सिस्टम लागू होते ही व्यवस्था बदल जाएगी. वहीं आइएनसी ने नए सत्र 2023 से बीएससी नर्सिंग सिलेबस में बदलाव किया है. सेमेस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा. इसमें नर्सिंग विद्यार्थियों को कोरोना, डेंगू, स्वाइन फ्लू जैसी बीमारियों की पढ़ाई करवाई जाएगी. आरयूएचएस ने भी इसे सभी नर्सिंग कॉलेजों में लागू करने की अनुमति जारी कर दी है.
मरीजों को मिलेगा बेहतर इलाज
बीएससी नर्सिंग से जुड़े डॉक्टर बताते हैं कि जब मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो डॉक्टर के बाद नर्सिंग स्टाफ ही मरीजों की ज्यादा देखभाल करता है. लेकिन वह एक सीमित दायरे में ही देखभाल कर सकता है. पिछले दिनों कोरोना महामारी के बीच नर्सिंगकर्मियों ने महत्व भूमिका निभाई. हालांकि महत्वपूर्ण बीमारियों की पढ़ाई नहीं होने के चलते वह ज्यादा कुछ नहीं कर पाए. ऐसे में नए सिलेबस में मरीजों के इलाज का नया तरीका मिलने से नर्सिंगकर्मियों को अधिक फायदा मिलेगा. सिलेबस में नई बीमारियां, इलाज, शोध व जांच की तकनीक को आधार बनाया गया है. बीएससी नर्सिंग में सेमेस्टर सिस्टम में नंबर की जगह क्रेडिट अंक मिलेंगे.
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