Rajasthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में 4 माह से 100 करोड़ का दूध पड़ा हुआ है. दूध वितरण के लिए तारीख पर तारीख मिल रही है. मिड डे मिल कक्ष में पड़ा दूध बच्चों को नहीं पिलाया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि दूध वितरण का लंबे समय से इंतजार हो रहा है. अब देखना होगा की दूध की एक्सपायरी तारीख तो नहीं निकल गई. बाल गोपाल योजना के तहत सरकारी स्कूलों में दूध भेजे गए थे. मिड डे मिल कक्ष में रखे दूध का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. राजस्थान सरकार ने 1-8 कक्षा के बच्चों को स्कूलों में दूध की व्यवस्था करने की घोषणा की थी. सितंबर माह से स्कूलों में दूध सकी सप्लाई भी शुरू हो गई. 1 माह पहले तक लगभग सभी स्कूलों में दूध के पाउडर डिब्बे पहुंच चुके.
4 बार तारीख का हुआ एलान मगर नहीं मिला बच्चों को दूध
दूध बच्चों को पिलाने के लिए सरकार ने 4 बार तारीख घोषित कर दी. आखिर समय में दूध पिलाने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया. दूध पिलाने की तारीख पहली जुलाई, 15 अगस्त, 2 अक्टूबर और 14 नवंबर को घोषित की गई मगर हर बार अंतिम समय में निरस्त कर दी गई. अब शिक्षक इंतजार कर रहे हैं कि दूध का वितरण कब होगा. बाल गोपाल योजना के तहत बच्चों को हफ्ते में दो दिन दूध पिलाया जाना था. 400 रुपए प्रति किलो पाउडर की दर से दूध की खरीदी की गई.
मिड डे मिल कक्ष में पड़ा 100 करोड़ रुपए का दूध पाउडर
पूरे प्रदेश में 23 लाख 73 हजार 545 किलो दूध पाउडर खरीदा गया. दूध खरीदारी पर 100 करोड़ रुपए खर्च किया गया. कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को 150 मिलीलीटर और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर पाउडर वाला दूध वितरित करना है. 150 मिलीलीटर दूध में 8.4 ग्राम और 200 मिलीलीटर दूध में 10.2 ग्राम चीनी मिलाई जाएगी. 15 ग्राम पाउडर दूध से 150 मिलीलीटर और 6 से 8वीं तक के बच्चों के लिए 20 ग्राम पाउडर से 200 मिलीलीटर एमएल दूध तैयार कर दिया जाएगा.