IIT Admission 2022, Counselling, Choice Filling & Seat Allotment: जेईई नतीजे आने के बाद से अब कैंडिडेट्स विभिन्न इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं. इस काम के लिए उनके पास काउंसलिंग से लेकर च्वॉइस फिलिंग तक हर जानकारी होनी चाहिए. इस बीच स्टूडेंट्स के बीच सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी यानी आईआईटी में नई ब्रांचेस खुलने से कुल सीटों की संख्या में भी इजाफा हुआ है.
इतने संस्थानों में मिलेगा प्रवेश –
देश के 23 आईआईटी, 32 एनआईटी, 26 ट्रिपलआईटी, 33 जीएफटीआई की 54477 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा. इन सभी कॉलेजेस की ज्वाइंट काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. स्टूडेंट्स को कुल 112 कॉलेजों की 469 ब्रांचेंज को भरकर लॉक करने का विकल्प दिया गया है. स्टूडेंट्स 21 सितम्बर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन और च्वाइस फिलिंग कर सकते हैं.
किस ब्रांच में कितनी सीटें बढ़ी -
कॅरियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा ने बताया कि इस साल 10 आईआईटी में 15 नई ब्रांचों की शुरूआत की गई है. आईआईटी मुम्बई में 4 वर्षीय एनर्जी इंजीनियरिंग की 47 सीटें, आईआईटी रुड़की में डेटासाइंस और आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की 40 सीटें, आईआईटी गुवाहाटी की एनर्जी इंजीनियरिंग की 20 सीटें, आईआईटी हैदराबाद में इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग विद आईसी डिजाइन एण्ड टेक्नोलॉजी की 16 सीटें, आईआईटी गांधीनगर में पांच वर्षीय कम्प्यूटर साइंस की 20 और इलेक्ट्रीकल इंजीनियरिंग की 20, आईआईटी जोधपुर में फिजिक्स विद् स्पेशलाइजेशन एवं कैमेस्ट्री विद् स्पेशलाइजेशन की 32, आईआईटी रूपड़ में इंजीनियरिंग फिजिक्स की 25, आईआईटी धारवाड़ में केमिकल एवं बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की 15, मैथेमेटिक एण्ड कम्प्यूटिंग की 28, सिविल एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की 15, इंटर डिसिप्लनरी साइंसेज की 57, आईआईटी भिलाई में मेकाट्रोनिक्स इंजीनियरिंग की 20, पलक्कड़ में डेटा साइंस एवं इंजीनियरिंग की 28 सीटें नई जुड़ी हैं.
ऐसे करें च्वाइस फिलिंग -
आहूजा ने बताया कि कैंडिडेट्स को च्वाइस फिलिंग का मौका एक बार ही दिया गया है इसलिए वे ज्यादा से ज्यादा कॉलेजों के विकल्प को अपनी प्राथमिकता के घटते क्रम में भरें. स्टूडेंट्स पिछले सालों की कॉलेजों की ओपनिंग और क्लोजिंग रैंकों को देखते हुए कॉलेजों को चुनने के ट्रेण्ड का अनुमान लगा सकते हैं. छात्र कॉलेज च्वाइस लॉक करने से पहले जरूर पूरी तरह चेक करें क्योंकि लॉक करने के बाद उसमें बदलाव संभव नहीं होंगे.
किस रैंक पर कौनसी आईआईटी में मिलेगी क्या ब्रांच -
- ऐसे कैंडिडेट्स जिनकी ऑल इंडिया रैंक अण्डर-100 है, उन्हें टॉप आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में कम्प्यूटर साइंस मिलने की संभावना है.
- 100 से 500 रैंक के बीच दिल्ली, कानपुर की एमएनसी, उपरोक्त चारों आईआईटी की इलेक्ट्रीकल, खड़गपुर की सीएस मिल सकती है.
- 500 से 1000 के मध्य बीएचयू, रुड़की, हैदराबाद, गुवाहाटी की सीएस, मुम्बई, दिल्ली, कानपुर की कोर ब्रांच मिलने की संभावना है.
- 1000 से 4000 के मध्य रैंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गांधी नगर, इंदौर, रूपड़, मंडी, जोधपुर, धनबाद, पटना, भुवनेश्वर में कम्प्यूटर साइंस एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, खड़गपुर आईआईटी में कम्प्यूटर साइंस के अतिरिक्त अन्य ब्रांचें मैकेनिकल, कैमिकल, सिविल, एयरोस्पेस, प्रोडक्शन आदि मिलने की संभावना रहती है.
- 4000 से 8000 के मध्य रुड़की, गुवाहाटी, खड़गपुर, हैदराबाद, वाराणसी में सिविल, कैमिकल, मेटलर्जी एवं मुम्बई, दिल्ली, कानपुर, मद्रास में लोअर ब्रांचेंज, पलक्कड़, तिरुपति, गोवा, धाड़वाड़, भिलाई, जम्मू में सीएस मिलने की संभावना बन सकती है. इसी तरह रैंक के अनुसार संस्थान और ब्रांच बदलते जाते हैं.
यह भी पढ़ें: