Rajasthan Cyber Crime: जोधपुर में 16 करोड़ 26 लाख रुपए की अनोखी ठगी के मामले में पुलिस को शुरुआती सफलता मिली है. साल की सबसे बड़ी साइबर ठगी में उदयपुर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. ठगों ने जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट व्यापारी को इन्वेस्टमेंट से 50 करोड़ कमाने का लालच देकर चूना लगाया था. पुलिस की साइबर सेल को आरोपियों के खाता नंबर ट्रेस करने पर सफलता मिली. जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट डीसीपी अमृता दुहन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबसे बड़ी ठगी का खुलासा किया.
साल की सबसे बड़ी साइबर ठगी का खुलासा
डीसीपी ने बताया कि उदयपुर से गिरफ्तार एक आरोपी ने अपना बैंक अकाउंट 25 हजार रुपए महीने के किराए पर दे रखा था. उसे खाते से ट्रांजैक्शन होने पर 15 फीसद कमीशन का लालच दिया गया था. जोधपुर पुलिस ने दोनों आरोपियों दीपक सोनी और मानव गर्ग को उदयपुर से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेशी के बाद रिमांड पर लिया है. पुलिस अब दोनों से पूछताछ कर रही है. डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि बैंक खातों को फ्रिज करवाकर संदिग्ध खाताधारकों और संदिग्ध ट्रांजैक्शन करने वालों की धरपकड़ की कोशिश की जा रही है.
7 राज्यों मैं फैला हुआ अपराधियों का नेटवर्क
साइबर ठगी के तार 7 राज्यों मैं फैले हुए हैं. पुलिस की कई टीमें आरोपियों की धरपकड़ कर रही है. जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा. साइबर ठगी के मामले में नाइजीरियन कनेक्शन अभी तक सामने नहीं आया है. हालांकि पुलिस की अभी जांच चल रही है. आरोपियों तक पहुंचने के लिए टीम निकल चुकी है.
सबसे बड़ी बात है कि सभी ट्रांजैक्शन भारतीय बैंकों में हुआ है. सभी खातों को फ्रीज करवा दिया गया है. कोर्ट से व्यापारी अरविंद कलानी के खाते में अब तक 35 लाख रुपए रिकवर हो चुके हैं और एक करोड़ रुपए की रिकवरी प्रोसेस में है. पावटा क्षेत्र में रहने वाले अरविंद कलानी हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर हैं. उनके बनाए प्रोडक्टस अमेरिका सहित कई देशों में एक्सपोर्ट होते हैं.
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विदेशी नाम होने से झांसे में आए एक्सपोर्टर
31 अक्टूबर को अरविंद के पास व्हाट्सएप पर मैसेज आया. मैसेज भेजने वाले ने अपना नाम इस्ला डोमिनिक और खुद की कंपनी का नाम मेटा बताया. अपनी वेबसाइट का पता भी भेजा. उसने अरविंद के वॉट्सऐप पर माइक बी फोरे, इंड्रयू रिच, राफेल सोरोस और निक फॅल्कर से एडवाइजर के रूप में संपर्क करवाया. सभी विदेशी नाम होने से अरविंद झांसे में आ गए.
साइबर ठगों ने अरविंद को कंपनी में इन्वेस्टमेंट करने पर 20 से 40 फीसद रिटर्न मिलने का झांसा दिया. मल्टी लेवल मार्केटिंग मेंबरशिप के नाम पर ठगों ने रिटर्न की गारंटी भी ली. कंपनी की ब्रॉन्ज, सिल्वर, प्लेटिनम और गोल्ड मेंबरशिप की जानकारी देते हुए कहा गया कि सभी मेंबरशिप की अलग-अलग फीस है.
साइबर ठगों के झांसे में आकर हैंडीक्राफ्ट कारोबारी अरविंद कलानी ने सिल्वर मेंबरशिप ली. उन्होंने फीस के तौर पर 2 लाख 25 हजार रुपए बताए खाते में ट्रांसफर भी कर दिए. अरविंद ने पेमेंट ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया. उस दौरान पेमेंट का अरविंद को अच्छा रिटर्न मिला. शातिर ठगों ने विश्वास दिलाने के लिए एग्रीमेंट, डिजिटल सिग्नेचर तक दिए. उसके बाद एक लाख चार हजार रुपए एचडीएफसी बैंक में अरविंद ने ट्रांसफर कर दिए.
धीरे-धीरे ठगों ने अरविंद को भरोसा में लेकर 21 नवंबर तक 5-10-15-20-35 लाख ट्रांसफर करवा लिए. साइबर ठगों के इरादे को समझने से पहले अरविंद से धोखाधड़ी हो चुकी थी. शातिर ठगों 21 दिनों में 101 ऑनलाइन ट्रांजैक्शन देश के अलग-अलग बैंकों में करवा लिए.