Udaipur Crime: उदयपुर (Udaipur) में ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) की एक बड़ी वारदात सामने आई है, जहां मोबाइल पर आए एक अनजान लिंक पर क्लिक करने के कुछ समय बाद की छात्र के खाते से 20 लाख रुपए उड़ गए. यह घटना बताती है कि मोबाइल वे इंटरनेट का असावधानीपूर्वक इस्तेमाल कैसे पलभर में एक बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है. यह घटना उदयपुर जिले के पहाड़ा थाना क्षेत्र (Pahada Police Station ) के महिडा गांव (Mahida Village) की है, जहां एक छात्र को अनजान लिंक पर क्लिक करना भारी पड़ गया और उसके खाते से चंद मिनटों में 20 लाख रुपए उड़ गए. इसके बाद छात्र ने थाने में रिपोर्ट दी.


पहाड़ा थानाधिकारी नागेन्द्र सिंह (Pahara SHO Nagendra Singh) ने बताया कि रोहित कुमार पटेल (Rohit Kumar Patel) ने थाने में रिपोर्ट दी. रिपोर्ट में बताया कि उसके व्हाट्सअप पर एक नंबर से मैसेज आया था जिसमें एक लिंक दिया हुआ था. लिंक को ओपन करने पर मिशन स्पेशलिस्ट नाम की एक एप डाउनलोड हो गई और उसके बाद खाते से राशि कटने के मैसेज आया. रोहित ने बताया कि उसके पिता में जॉब करते हैं और उन्होंने जमीन खरीदने के लिए यह रकम भेजी थी.


ऐसे हुई धोखाधड़ी
जांच में सामने आया कि इस ऐप का संचालन टेलीग्राम से हो रहा था जिसे ओपन करने पर युवक का मोबाइल नंबर, नाम एवं अन्य व्यक्तिगत जानकारी लेकर रजिस्ट्रेशन किया गया. इसके बाद ऐप का संचालन किस प्रकार से किया जाएगा उसके लिए एक अन्य ऐप का लिंक सेंड किया गया, जिसमें मिशन स्पेशलिस्ट ऐप संचालित करने एवं उसमें भाग लेने के संबंध में सभी महत्त्वपूर्ण जानकारियां दे रखी थी. साथ ही उसमें यह भी दर्शा रखा था कि उन्हें प्रतिदिन टास्क दिया जाएगा. जिस टास्क को पूरा करने पर रोजाना तय राशि मिलेगी. राशि कभी भी निकाली जा सकेगी. युवक इसके बहकावे में आ गया और ऐप पर 100 रुपए का रिचार्ज कर टास्क में शामिल हुआ. युवक ने पहली बार 106 रुपए व दूसरी बार 370 रुपए विड्रॉल किया, जो उसके स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के खाते में जमा हो गया. इससे युवक को विश्वास हो गया कि पैसा ट्रांसफर हो रहा है. इसी विश्वास का फायदा उठाकर ठगों ने खाते से राशि निकाल ली.


 क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
सायबर एक्सपर्ट श्याम चांडक ने बताया कि यह फिशिंग लिंक है. इसमें जब भी किसी  कार्ड की डिटेल डालेंगे उस समय के रेफरेंस नंबर से आपका यूपीआई लिंक जुड़ जाता है. ऐसे में ठग आपके खाते से जुड़ जाते हैं. एनी टीमविवर सपोर्ट ऐप डाउनलोड करने के बाद में क्या चल रहा इसकी पूरी जानकारी ठगों को मिल जाती है. ऐसे में इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी लिंक को खोले से पहले उसके बारे में ध्यान से पढ़ना जरूरी है.


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